छत्तीसगढ़ के इस जिले में कलयुगी मां ! नवजात को छोंड़ गई निर्मोही ,7 दिन तक जिंदगी के लिए किया जंग ,हो गई मौत

कोरबा । समय से पहले लगभग 7 माह में जन्म लिए एक नवजात बालिका शिशु को निर्मोही परिजन ने उसके हालात पर छोड़ दिया। कडक़ड़ाती ठंड में रात करीब 11.30 बजे उसे सेवा भारती मातृ छाया के पालने में छोडक़र चले गए। पालना घर के लोगों द्वारा मासूम के जीवन की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किया गया और निजी अस्पताल में 7 दिनों से सेवा भाव से उसका उपचार होता रहा किंतु मासूम को बचाया नहीं जा सका । (इस घटनाक्रम को लेकर प्रारंभिक तौर पर यह खबर आम हुई कि नवजात शिशु को कचरा संग्रहण के पास छोड़ा गया था, यह अपुष्ट हुआ)

इस पूरे मामले में मानवता को लज्जित करने और उसे न रखने वाले निर्मोही परिजन की अमानवीयता यह रही कि जिस वक्त इस मासूम को इस कडक़ड़ाती ठंड में पालने में छोड़ा गया, मासूम के शरीर पर एक मात्र पतला सा लाल गमछा मौजूद था। इस कडक़ड़ाती ठंड में जब अच्छे-अच्छों की हालत खराब हुई पड़ी है, उस वक्त मासूम को बिना कपड़ों के छोड़ जाना न सिर्फ निर्दयता को प्रदर्शित किया बल्कि नवजात बालिका शिशु के प्रति उसके लगाव नहीं होना भी दर्शित हुआ। बालिका के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए भले ही सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है और लाभ देने की बात होती है लेकिन अभी भी कुछ ऐसे लोग है जो बालिका के जन्म होने पर उसे उसके हाल पर छोड़ देते हैं। बहरहाल यह सब किसकी करतूत थी, इसकी पड़ताल पुलिस द्वारा की जा रही है। आने वाले दिनों में कुछ खुलासा हुआ तो ठीक वरना यह मामला भी फाइलों में कैद हो जाएगा।