कोरबा। कांग्रेस राज के भूपेश शासनकाल में पीएससी भर्ती में भारी भ्रष्टाचार हुआ, जिसमें एक ही परिवार के कई लोगों को पीएससी में चयन कर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे बड़े-बड़े पद पर नियुक्ति दी गई थी, उक्त शिकायत करते हुए सीबीआई से जांच कराने छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व गृहमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर ने केंद्र की मोदी सरकार और गृहमंत्री अमित शाह से की थी। अब साय कैबिनेट की बैठक में पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा ननकी ने डीएमएफ और सीएसआर में भी भारी भ्रष्टाचार की शिकायत की है जल्द ही इस मामलों में जांच शुरू हो सकती है। ननकी राम कंवर ने पीएससी में हुए घोटाले को लेकर छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका दायर की थी, जिसमें चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया को तत्काल रोकने का आदेश छत्तीसगढ़ सरकार को दिया था। पीएससी में हुए घोटाले को लेकर चुनाव प्रचार के मध्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनावी भाषण में कहा था कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते पीएससी घोटाले की जांच कराई जाएगी, किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। जिसे छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनते ही विष्णु देव साय के कैबिनेट बैठक में पीएससी घोटाले की जांच सीबीआई से जांच करने की मांग को मंजूरी दी गई है। इससे युवा वर्ग में काफी हर्ष का माहौल देखा गया। ननकी राम कंवर ने केंद्र की मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ की विष्णु देव के सरकार को धन्यवाद देते हुए सरकार से अपेक्षा की है कि कांग्रेस शासन काल में भर्ती किए गए पूरे लोगों की जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके अलावा श्री कंवर ने जिले में जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक में अनुमोदित कार्यों के जगह मनमाने ढंग से करोड़ों रुपए के प्रशिक्षण ,सामग्री सप्लाई और निर्माण संबंधी कार्य तत्कालीन कलेक्टर सह अध्यक्ष जिला खनिज संस्थान न्यास पर लगाया था। जिसमें पूर्व जिला पंचायत सीईओ (वर्तमान में अम्बिकापुर ,जिला -सरगुजा में पदस्थ ) नूतन कंवर का साथ देने का आरोप लगाया था । शासी परिषद के सदस्य रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि ऊर्जानगरी कोरबा में खनिज संस्थान न्यास मद (डीएमएफ) की लूट मचाई गई है। राज्य सरकार जन हितैषी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर जिलों में प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती करती है। मगर कुछ अफसर राज्य सरकार के जन हितैषी सोच पर पलीता लगाने का काम करते हैं। कोरबा में ऐसे अफसरों की कमी नहीं है। कुछ इसी तरह पूर्व जिपं सीईओ, सह सचिव जिला खनिज संस्थान नूतन कंवर ने डीएमएफ भ्रष्टाचार में दो कलेक्टर्स ( संजीव झा, रानू साहू) का बखूबी साथ दिया है। आईएएस अफसरों के साथ मिलकर उन्होंने डीएमएफ अरबों का गबन किया है। रामपुर विधायक व पूर्व गृहमंत्री ने संजीव झा के कार्यकाल से जुड़ी शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है। दूसरी ओर पूर्व कलेक्टर रानू साहू ईडी की गिरफ्त में है। सीएसआर में भी भ्रष्टाचार की बात ननकी कह चुके है। श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने स्पष्ट किया है कि सीएसआर में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। भ्रष्टाचार के मामलों में ननकीराम कंवर मुखर रहे हैं। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही उनके द्वारा किए गए शिकायतों पर जांच शुरू हो रही है। जिससे भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों में हड़कंप मच गया है। वही सूत्रों की माने तो सबसे बड़ा भ्रष्टाचार मामला कोरबा जिले के एजुकेशन विभाग से उजागर हो सकता है