वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया की चीन को चेतावनी- भारत से टकराव अच्छा नहीं, हम जवाब देने को तैयार

वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने मंगलवार को चीन को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि भारत से टकराव चीन के लिए वैश्विक मोर्चे पर अच्छा नहीं है. यदि चीन की आकांक्षाएं वैश्विक हैं तो ये उनकी भव्य योजनाओं को सूट नहीं करतीं. एयर चीफ मार्शल ने चीन को ये संदेश मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान दिया.

वायु सेना प्रमुख ने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारी संख्या में चीन के सैनिक तैनात हैं. उनके पास रडार, सतह से हवा में मार करने वाली और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल की बड़ी मौजूदगी है. उनकी तैनाती मजबूत रही है, लेकिन हमने भी सभी आवश्यक कार्रवाई की है.

बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले 8 महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है.

लद्दाख में LAC के पास दोनों देशों की सेनाओं की भारी मौजूदगी है. मई के शुरुआती दिनों से ही भारत और चीन में तनाव बना हुआ है. जून के महीने में गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हुई थी. तनाव को कम करने के लिए सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत भी हुई. यही नहीं, दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों की भी मुलाकात हुई थी.

‘वर्चस्व बढ़ाना चाहता है चीन’

आरकेएस भदौरिया ने कहा कि चीन पाकिस्तान को मोहरा बनाकर अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है. अमेरिका के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद से चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए रास्ते खुल गए हैं.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक मोर्चे पर विकसित अनिश्चितताओं और अस्थिरता ने चीन को अपनी बढ़ती शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका दिया है और अप्रत्यक्ष रूप से यह वैश्विक सुरक्षा के लिए प्रमुख शक्तियों के अपर्याप्त योगदान को भी सामने लाया है.

वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने आगे कहा कि छोटे देश और अलगाववादियों की मदद से चीन को ड्रोन जैसे कम लागत वाली तकनीक आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे वह प्रतिकूल प्रभाव पैदा करने में सफल हो रहा है. IAF प्रमुख ने कहा कि यदि कोई स्थिति उत्पन्न होती है, तो भारत को किसी भी दुस्साहस का मुकाबला करने के लिए अपनी क्षमता को बनाए रखने की आवश्यकता है.

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एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि हमारे विरोधी न्यूनतम निवेश के साथ अधिकतम तकनीकी युद्ध पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. रिसर्च और डेवेलपमेंट के क्षेत्र में चीन ने प्रभावी निवेश किया है. इसलिए हमें भविष्य की अनिश्चित क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित रखने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि न्यू ड्रोन टेक्नोलॉजी और मानवरहित विमान नए आधुनिक युद्ध का हिस्सा हैं.