जो जमीन सरकारी है वो जमीन हमारी है कि तर्ज पर राखड़ पाट चल रहा कब्जे का खेल ,इनकी लालच बेजुबानों पर बनी आफत ,राख के दलदल में फंसे 2 मवेशी,गौ सेवकों ने बड़ी मुश्किल से किया रेस्क्यू

कोरबा। जिला प्रशासन की सख्ती और सरकारी जमीनों पर बेजा कब्जा नहीं करने के निर्देश और इस संबंध में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत हो रही कार्रवाई को धता बताते हुए कई लोग सरकारी जमीनों पर राखड़ फेंकवा कर कब्जा करने का खेल खेल रहे हैं। राखड़ पाटने का भरपूरा फायदा ऐसे भू-माफिया और सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की मानसिकता रखने वाले लोग उठा रहे हैं। कहीं भी फेंके जा रहे राखड़ का खामियाजा इंसानों के साथ-साथ बेजुबान भी भुगत रहे हैं।

ऐसे ही फेंके गए राखड़ से बने दलदल में फंसे दो मवेशियों को गौ-सेवकों ने काफी मशक्कत के बाद तकनीकी संसाधनों की मदद से बाहर निकाल कर उनके जीवन की रक्षा की लेकिन राखड़ फेंकने-फिंकवाने वालों पर कोई सख्ती नहीं हो पा रही है।
शहर से लगे गेरवाघाट में नदी किनारे की जमीन कब्जे की चपेट में है। यहां कब्जा करने की नीयत से लो-लाईन एरिया और गड्ढों में राख फिंकवायी जा रही है। रात के वक्त यह खेल कुछ ज्यादा ही जोर-शोर से चलता है। ऐसे ही अवैध कब्जा करने की नीयत रखने वालों के द्वारा अवैध रूप से फिंकवायी गयी राख और इसके कारण निर्मित दलदल में रात के वक्त दो गाय फंस गए। आसपास के लोगों के द्वारा इसकी सूचना गौ-सेवकों को दी गई।
बाल गोपाल गौ सेवा समिति के युवाओं ने यहां जेसीबी, ट्रेक्टर के साथ पहुंचकर बचाने का काम शुरू किया। राख के दलदल में फंसे दोनों गाय को निकालन के दौरान गौ-सेवक भी बार-बार दलदल में फंस रहे थे। जेसीबी और हाथों के सहारे राखड़ के दलदल को हटा हटा कर रस्सी से किसी तरह खींचकर घंटों की मशक्कत के बाद किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस कार्य में बाल गोपाल गौ सेवा समिति के अध्यक्ष अक्षत शर्मा, सेवा मित्र कृष्णा, राहुल, प्रकाश, प्रदीप, संदीप और स्थानीय लोगों ने सहयोग किया। इनकी मांग है कि अवैध रूप से इधर-उधर राखड़ फेंक कर इंसानों के साथ-साथ बेजुबानों के लिए संकट उत्पन्न करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।