कोरबा ।नगर निगम कोरबा के संविदा व पूर्व लेखाअधिकारी की नियुक्ति को निरस्त करने सी एम को पूर्व गृह मंत्री ने चिट्ठी सौंपा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि ऐसे भ्रस्ट अधिकारी की नियुक्ति से छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री के कार्यो पर सवाल उठ रहे है। कट्टर आदिवासी नेता के पत्र लिखने के बाद निगम के अधिकारियों में खलबली मच गया है।
भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी पाए जाने तथा निगम आयुक्त द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने की पुष्टि करने के पश्चात भी आरोपी पी आर मिश्रा को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संविदा नियुक्ति प्रदान की गयी है। इतना ही नहीं पी आर मिश्रा को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नियमों के विरुद्ध जाते हुए समान पद व समान वेतनमान भी स्वीकृत किया गया है। इससे यह स्पष्ट है कि मंत्रालय में पदस्थ अधिकारियों द्वारा पी आर मिश्रा के साथ सांठगाँठ कर भ्रष्टाचार को उपकृत करने का कार्य किया गया है। चिंता का विषय तो यह है कि आरोपी अधिकारी की संविदा नियुक्ति के तार सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े हैं, ऐसी खबरें नगर निगम कोरबा में आम हो चली हैं।
*विवादों में रहा कार्यकाल*
पूर्व गृहमंत्री और विधायक ननकीराम कंवर ने लिखा है कि आरोपी पी आर मिश्रा का कार्यकाल शुरू से ही विवादों के घेरे में रहा है। नगर निगम कोरबा में अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निविदाओ में भ्रष्टाचार से लेकर, ठेकेदारों से भुगतान के एवज में रिश्वत लेने के आरोप इन पर लगते रहें हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय हुई इनकी पदस्थापना भी विवादित है जो खुद भी एक जांच का विषय है। वर्तमान प्रकरण में नगर निगम कोरबा में मुख्य-लेखाधिकारी के पद पर पदस्थ रहते हुए इनके द्वारा अनेकों वर्षों से अपने साले पंकज गौतम को नगर निगम कोरबा में ही ठेकेदारी कराई जा रही थी जो कि निविदाओं की एनआईटी की कंडिका 3.10 का स्पष्ट उल्लँघन है। इस सबके अतिरिक्त आरोपी पी आर मिश्रा पर अपने पद का दुरूपयोग करते हुए निगम कर्मचारियों की पदोन्नति में भी घोटाला कर, अपने करीबी लोगों को पदोन्नत कर उपकृत करने व हमारे छत्तीसगढ़िया मूल निवासी भाई बहनों के नियमितीकरण तथा पदोन्नति को लंबित रखने, उनसे सम्बंधित नस्तियों को गुम करके उनका हक़ मारने का अत्यंत गंभीर आरोप भी है।
*अनियमिता के आरोपी उपकृत*
हमेशा ही कहते रहे हैं कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ियों की सरकार है। विधानसभा में भी आपने छाती ठोककर खुद को छत्तीसगढ़िया कहा था। परन्तु आपके सिरमौर रहते हुए हमारे अपने छत्तीसगढ़िया भाई बहनों का हक मारने वाले अधिकारी को, जिस पर भ्रष्टाचार के अनेक गंभीर आरोप है तथा जिसे मौजूदा प्रकरण में जांच अधिकारी द्वारा दोषी भी पाया गया है। मंत्रालय मे पदस्थ अधिकारियों द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नियुक्ति प्रदान कर उपकृत किया गया है। यह अत्यंत दुर्भाग्य का विषय है।
*सरकार की छवि हो रही धूमिल*
प्रकरण से जहाँ सरकार की छवि धूमिल हुई है, वहीं नियम विरुद्ध संविदा नियुक्ति में मुख्यमंत्री कार्यालय का नाम आने से आपकी खुद की छवि तथा आपके “छत्तीसगढ़ियों की सरकार” होने के दावे पर भी धत्ता लग रहा है। अतः उपरोक्त प्रकरण में तत्काल कार्यवाही करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी पी आर मिश्रा की संविदा नियुक्ति निरस्त करने का कष्ट करें।