मंगल दोष का मंगल चंडी से निवारण संभव ,नवविवाहिताओं में मोबाईल दोष ,मंगल दोष से भी अधिक अनिष्टकारी -आचार्य नूतन पांडेय

सिंचाई कालोनी बरपाली में श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ में बह रही भक्ति की बयार

कोरबा । बड़ा से बड़ा मंगलदोष मंगल चंडी यज्ञ से समाप्त हो जाते हैं। लेकिन आजकल की नवविवाहिता में मंगल दोष नहीं मोबाईल दोष आ गया है। परिवार से ज्यादा मोबाईल में अत्यधिक समय देने की वजह पारिवारिक कलह की स्थिति निर्मित हो रही है ,रिश्तों में बिखराव आ रहा है,मोबाईल से उन्हें दूर कर मोबाईल दोष समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए ,मंगल दोष तो समाप्त हो ही जाता है। ये उससे भी बड़ा दोष है।
उक्त बातें तिलकेजा से पधारे कथाव्यास आचार्य आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय ने सिंचाई कॉलोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा आयोजित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस आयोजित कथा प्रसंग के दौरान कही।

आचार्य श्री पांडेय ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि जब ईर्ष्या जलन का भाव आता है तो समझ लीजिए उसका पतन शुरू हो गया,बिना कर्म के भाग्य का उदय नहीं होता। उन्होंने सुमेरु पर्वत से ईर्ष्या कर उससे ऊंचा होने की चाहत में सूर्य का मार्ग (रौशनी )रोकने वाले विंध्यांचल पर्वत के अहंकार नष्ट होने वाले कथा प्रसंग के दौरान बताया कि कलयुग के मानव के मन में विंध्यांचल की तरह संतुष्टि शांति का भाव नहीं रहता। 1 रुपए मिल जाए तो 100 की चाहत,100 मिल जाए तो हजार की कामना,हजार मिल जाए तो लाख ,लाख मिल्ड जाए तो करोड़ों की इच्छा रहती है। तृष्णा के भाव की वजह से मानव अंसतुष्ट है । और जिस मनुष्य के जीवन में संतोष है वही सच्चे मायने में सुखी है ।


दुर्गा मां राधा संसार की अधिष्ठात्री देवी हैं,करोड़ों जिव्हा,मुख इनकी महिमा का बखान करने में सक्षम नहीं है। सम्पूर्ण चराचर इनके अधीन हैं,इसलिए हमें राधा जी दुर्गा जी की नित्य पूजा अर्चना करनी चाहिए। जब भी राधा या कृष्ण जी का पर्व आए उसमें इनके नामों मंत्रों का जाप जीवन को धन्य बनाने वाला है। महाकाली महासरस्वती की नित्य प्रति आराधना करना चाहिए।
दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा अपने उत्तम स्वास्थ्य ,शिक्षा निमित्त संकल्पित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव का सिंचाई कालोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में आयोजन किया जा रहा है। पावन चैत्र नवरात्रि के दिन से शुरू हुआ यह पुनीत आयोजन नवमीं तिथि को हवन सहस्त्रधारा के साथ विराम होगा। कथा कार्यक्रमानुसार
अष्टमी पर 16 अप्रैल को भ्रामरी देवी की कथा ,देवी पूजन विधि,कथा विश्राम ,भस्म और गायत्री की महत्ता एवं चढ़ोत्तरी होगी। अंतिम दिवस नवमीं तिथि 17 अप्रैल को तुलसी वर्षा ,हवन ,कपिलातर्पण ,सहस्त्रधारा,प्रसाद वितरण ,कन्या भोज ,ब्राम्हण भोजन ,गायत्री सहस्त्रनाम के पाठ के साथ पुनीत आयोजन संपन्न होगा। प्रतिदिवस शाम 4 बजे से रात 8 .30 बजे तक आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय तिलकेजा वाले के श्री मुख से श्रोतागण कथामृत का रसपान करेंगे। सहयोगी आचार्यगण श्री भूपेंद्र कुमार पाण्डेय ,मोनू पाण्डेय ,विनायक पाण्डेय सहित म्यूजिकल टीम संगीतमय श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव संपन्न कराएंगे। 9 दिन तक सिंचाई कालोनी बरपाली माता की आराधना से गुंजायमान हो रहा।