कोरबा। जिले में रेत चोरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि रेत तस्करी से जुड़े लोग खुलेआम दिनदहाड़े चोरी कर रहे हैं। वहीं स्वीकृत रेट घाट में संचालन की जिम्मेदारी निभा रहे नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी/ कर्मचारी रॉयल्टी की रकम पूरी लेने के बाद भी सुविधा नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण रेत की कीमतों का भार आमलोगों से वसूला जा रहा है। इस मामले की लिखित शिकायत रणवीर आदिले (जिला उपाध्यक्ष) छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना द्वारा कोरबा कलेक्टर से की गई है। देखना होगा कि इस मामले में कलेक्टर द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है।
शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में उल्लेख करते हुए लिखा है कि कोरबा जिला में वर्ष 2024-25 के लिए जिला प्रशासन द्वारा ग्राम बरबसपुर में नगर पालिक निगम कोरबा को रेत घाट संचालन हेतु रायलती पर्ची काटने की जिम्मेदारी दी गई है, जहां रायलटी घर से प्रति ट्रैक्टर 501 रुपए लेकर पर्ची दिया जा रहा है और इस 501 रुपए में लोडिंग शामिल है। परंतु बिना लोड किए ही 501 रुपए लिया जा रहा है जिसमें की कोरबा की आम जनता को महंगे में रेत खरीदना पड़ रहा है। दूसरी ओर धड़ल्ले से रेत चोरी करके भंडारण किया जा रहा है जिससे शासन को बड़े राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस संबंध में निगम के प्रभारी श्रीधर बनाफर को फोन पर शिकायत करने पर जानकारी का अभाव बताते हुए पल्ला झाड़ा गया। रेत की चोरी हो रही है कहने पर उन्होंने कहा यह सब उनकी जवाबदारी नहीं है और कहा जा रहा है की रेत चोरी रोकना उनका काम नहीं है,खनिज विभाग कोरबा का काम है।
शिकायतकर्ता द्वारा जिम्मेदार अधिकारी एवं विभाग के कर्मचारियों के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए मांग किया है कि नदी के समीप ही एक व्यक्ति को भंडारण की अनुमति दी गई है जो नदी से लगा हुआ है और वह भी धड़ल्ले से रेत की चोरी कर रहा है। आसपास के संयंत्र में सप्लाई कर रहा है जिससे बड़े पैमाने में सरकार के राजस्व का नुकसान हो रहा है। शिकायतकर्ता ने मांग किया है कि स्वीकृत रेत भंडारण को निरस्त किया जाए एवम् निगम के अधिकारी श्रीधर बनाफर और अन्य दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए। अब देखना होगी शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा क्या कार्यवाई की जाती है।