अंतरिक्ष में पहुंची भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ,सहयोगी बुच विल्मोर के साथ उड़ान क्षमता (मैनुअल पायलटिंग) का किया परीक्षण ,साथियों को लगाया गले, ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं,देखें वीडियो …

एजेंसी । भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर गुरुवार को सुरक्षित अंतरिक्ष पहुंच गए। इस दौरान विलियम्स खुशी से झूमती दिखीं। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है। बता दें, बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के रास्ते में अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बुच विल्मोर ने उड़ान क्षमता (मैनुअल पायलटिंग) का परीक्षण भी किया।

दोनों ने अंतरिक्ष यान के सदस्यों के तौर पर अपने हाथों में इसका नियंत्रण लेकर इतिहास रच दिया। ऐसा करने वाली सुनीता पहली महिला बन गई हैं।

कवायद के कई कारण

बता दें, अंतरिक्ष यान आमतौर पर ऑटो होता है, लेकिन चालक दल ने करीब दो घंटे की ऑटो उड़ान के दौरान यान को खुद से नियंत्रण में लिया। उन्होंने स्टारलाइनर को पृथ्वी की ओर किया ताकि सेवा मॉड्यूल के पीछे इसका संचार एंटीना ट्रैकिंग और डाटा रिले उपग्रहों की ओर हो सके। इसके बाद उन्होंने यान को इस तरह से घुमाया कि उसका सूर्य की ओर घुमाव हो ताकि जरूरत पड़ने पर वे आंतरिक बैटरी को चार्ज कर सकें। इस पूरी कवायद का उद्देश्य यह दिखाना था कि यदि तीनों उड़ान कंप्यूटर एक ही समय में बंद हो जाएं तो वे अंतरिक्ष में काम कर सकते हैं। उन्होंने मैन्युअली यान की गति बढ़ाई और फिर इसे धीमा किया, ताकि जरूरी हो तो क्रू दल खुद ही अंतरिक्ष स्टेशन की कक्षा से अलग हो सके।

गणेश मूर्ति, भगवद गीता और अब यह खास

विलियम्स पहले भगवान गणेश की मूर्ति और भगवद गीता को अंतरिक्ष में ले जा चुकी हैं। अब यह उनकी तीसरी अंतरिक्ष यात्रा है। जब वह अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंची तो कुछ खास अंदाज में नजर आईं। वह अंतरिक्ष पहुंचते ही खुशी से झूमती दिखीं। उन्होंने इस दौरान नृत्य भी किया और आईएसएस पर सवार सात अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को गले लगाया।

घंटी बजाकर स्वागत

विलियम्स और विल्मोर का स्वागत घंटी बजाकर किया गया, जो एक पुरानी आईएसएस परंपरा है। वहीं, अपने नृत्य पर सुनीता ने कहा कि चीजों को आगे बढ़ाने का यही तरीका है।

26 घंटे का सफर

वहीं अपने शानदार स्वागत के लिए चालक दल के सदस्यों को परिवार कहते हुए उनको धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं आप सबको याद नहीं कर रहीं हूं। आप खुश होंगे जानकार कि मैं यहां अपने एक और परिवार के साथ हूं और मैं यहां बहुत खुश हूं।’ बता दें, विलियम्स और विल्मोर पहले स्टारलाइनर उड़ाने वाले पहले चालक दल हैं। उन्होंने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से लॉन्च होने के लगभग 26 घंटे बाद बोइंग अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक आईएसएस में उतारा।

एक घंटे की हुई देरी

मामूली हीलियम लीक जैसी तकनीकी गड़बड़ियों के कारण अंतरिक्ष में उतरने में करीब एक घंटे की देरी हुई। बता दें, विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में लगभग एक सप्ताह बिताएंगे और विभिन्न परीक्षणों में सहायता करेंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।

ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनीं

बताया गया है कि बोइंग स्टारलाइनर यान की उड़ान में कई बार, कई वजहों से दरी हुई। आखिरकार, फ्लोरिडा के केप कैनवेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से इस यान की रवानगी हुई। इस तरह के मिशन पर जाने वाली सुनीता विलियम्स दुनिया की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गईं हैं। मई 1987 में सुनीते ने अमेरिका की नौसेना अकादमी से प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद वे अमेरिका की नौसेना से जुड़ीं थीं। 1998 में उन्हें नासा द्वारा अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया था। इससे पहले वर्ष 2006 और वर्ष 2012 में सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा बन चुकीं हैं।