कोरबा। आकांक्षी जिला कोरबा में डीएमएफ के फंड से (हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन) महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने ग्राम पंचायतों में 10-10 सिलाई मशीन वितरण के कार्य में 69 लाख 57 हजार के आबंटन में भ्रष्टाचार के आरोप
संबंधी मीडिया में प्रकाशित खबरों से आखिरकार जिला प्रशासन हरकत में आ गया । मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव प्रबंध कार्यकारिणी जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा ने मामले में जांच कमेटी बैठा दी है।त्रिसदस्यीय जांच कमेटी को 7 दिवस के भीतर आरोपों की जांच कर भौतिक सत्यापन पश्चात अभिमत सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है । जल्द ही जिम्मेदार नपेंगे ।
यहां बताना होगा कि आकांक्षी जिला कोरबा में डीएमएफ के फंड से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने ग्राम पंचायतों में 10-10 सिलाई मशीन पात्र हितग्राहियों को बांटा जाना था।जिसमें परित्यक्तता दिव्यांग और विधवा महिलाएं लाभान्वित की जानी थीं,लेकिन बस्तर संभाग की फर्म ने करोड़ों की लागत से कागजों में ही सिलाई मशीन बांट डाली। हितग्राहियों तक यह मशीन पहुंची ही नहीं। अकेले जनपद पंचायत कोरबा क्षेत्र में 69 लाख 57 हजार का भ्रष्टाचार किया गया है। मीडिया में प्रमुखता से खबर प्रकाशन के बाद भ्रष्टाचार की पोल खुलने लगी , हितग्राही महिलाएं शिकायत लेकर सामने आने लगी हैं।
मंगलवार को ग्राम पंचायत कुकरीचोली जनपद पंचायत कोरबा अंतर्गत निवासरत दीपक कुमार कंवर शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुंची थी, शिकायत पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है था उन्हें खबर के माध्यम से जानकारी मिली कि जिले में डीएमएफ फंड से दिव्यांग, विधवा व परित्यक्तता को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन का वितरण किया गया है। जिसमें ग्राम पंचायत कुकरीचोली में 10 लोगों को सिलाई मशीन का वितरण किया जाना था, लेकिन मात्र दो लोगों को ही सिलाई मशीन दिया गया है। उन्हें अब तक सिलाई मशीन नहीं दिया गया है, जबकि आरटीआई से निकाले गए दस्तावेजों में सिलाई मशीन सभी को वितरित किया जाना बताया जा रहा है। महिला ने दोषियों पर कार्यवाही करते हुए सिलाई मशीन दिलाने की मांग की है।प्रमुखता से प्रकाशित इस खबर के बाद
आखिरकार जिला प्रशासन हरकत में आया । मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह सचिव प्रबंध कार्यकारिणी जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा ने मामले में जांच कमेटी बैठा दी है।त्रिसदस्यीय जांच कमेटी को 7 दिवस के भीतर आरोपों की जांच कर भौतिक सत्यापन पश्चात अभिमत सहित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है।सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग कोरबा के नेतृत्व में गठित जांच दल में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र कोरबा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा शामिल हैं । कमेटी ने जांच शुरू कर दी है । जल्द ही अभिमत सहित प्रतिवेदन सौंपेंगे। जिसके उपरांत आगामी कार्रवाई की जाएगी। उक्त जांच के आदेश से ही संबंधितों में खलबली मची है ।
तो साहब पूरे जिले की जांच कराएं
मीडिया में प्रकाशित खबर के बाद जिला प्रशासन इस गड़बड़ी के मामले में सक्रिय हुई है। लेकिन जनपद पंचायत कोरबा से जुड़ी खबर होने की वजह महज जनपद पंचायत कोरबा के मामले ,आरोपों की जांच का आदेश दिया गया है। जो हैरान करने वाला है । जबकि विश्वस्त सूत्रों के अनुसार पूरे जिले में सिलाई मशीन बांटी गई है।ऐसे में महज कोरबा जनपद के जांच के आदेश से अन्य ब्लाकों में की गई अनियमितता के बचाव संबंधी उपाय सुनिश्चित करने फर्म को पर्याप्त अवसर मिल जाएगी। लिहाजा पूरे जिले में उक्त आबंटन से वितरण किए गए सिलाई मशीनों के जांच की दरकार है। ताकि शासन के फंड में अनियमितता की गुंजाइश कम रहे।