बिहार में भ्रष्टाचार की नींव पर तैयार हो रही पुल! एक हफ्ते के भीतर तीसरा पुल भरभराकर गिरा,उद्घाटन का था इंतजार ….

बिहार । बिहार (Bihar Bridge Collapse) में एक ही हफ्ते में तीसरी बार पुल गिरने की घटना सामने आई है। पहले अररिया, फिर सीवान और अब मोतिहारी (Motihari Bridge Collapse) से एक निर्माणाधीन पुल के गिरने की खबर आई है।

23 जून को मोतिहारी जिले के घोड़ासहन प्रखंड में अमवा से चैनपुर स्टेशन की ओर जाने वाले रास्ते पर बनाया जा रहा पुल भरभराकर गिर गया।
आजतक से जुड़े रोहित कुमार सिंह और आदित्य वैभव की रिपोर्ट के मुताबिक, मोतिहारी के घोड़सहन प्रखंड में एक पुल का निर्माण किया जा रहा था। जिसकी अनुमानित लागत लगभग दो करोड़ थी। पुल बनकर उद्घाटन के लिए लगभग तैयार था। लेकिन इससे पहले ही गिर गया. इस पुल की लंबाई लगभग 50 फीट थी।

22 जून को सीवान में गिरा पुल

एक दिन पहले 22 जून को सीवान से भी पुल गिरने की एक घटना सामने आई थी। यहां महाराजगंज और दरोंदा विधानसभा के बॉर्डर को जोड़ने वाला पुल ताश के पत्ते की तरह ढेर हो गया था। इस घटना को लेकर सीवान जिले के DM मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया।

यह पुल दरौंदा और महाराजगंज ब्लॉक के गांवों को जोड़ने वाली नहर पर बना था। घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। यह बहुत पुराना पुल था। नहर से पानी छोड़े जाने पर खंभे ढह गए। हम कोशिश में हैं कि लोगों को यथासंभव कम असुविधा का सामना करना पड़े।

दरौंदा ब्लॉक के BDO सूर्य प्रताप सिंह ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि पुल का निर्माण 1991 में तत्कालीन विधायक उमा शंकर सिंह के योगदान से हुआ था। वहीं महाराजगंज के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने बताया कि यह पुल विधायक फंड से बना था। उन्होंने आगे बताया,मामले की जांच चल रही है। और इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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अररिया जिले में भी गिरा था पुल

इससे पहले 18 जून को अररिया में लगभग 180 मीटर लंबा पुल ढह गया था। यह पुल अररिया के सिकटी में बकरा नदी पर बनाया गया था। इस पुल का उद्घाटन किया जाना था। लेकिन उससे पहले ही पुल गिर गया। सिकटा के विधायक विजय मंडल ने पुल के गिरने पर सवाल उठाते हुए कहा,
जमीन पर पिलर गाड़कर इस पुल को बनाया गया था। और यहां एप्रोच रोड भी नहीं बना था। सिकटी प्रखंड में बकरा नदी पर बने इस पुल को बनाने में 12 करोड़ की लागत आई थी। इस पुल को ग्रामीण कार्य विभाग ने बनवाया था।