दिल्ली । सोमवार (एक जुलाई, 2024) को देश की राजधानी दिल्ली में ये बातें उन्होंने दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी सहयोगी माने जाने वाले बीजेपी नेता नेता ने बताया, “75 साल के बाद कानूनों पर विचार हुआ है और यह कानून आज से हर थाने में काम करना चालू करेगा। इंडियन पीनल कोड, जिसे आईपीसी कहते थे, अब उसकी जगह बीएनएस ने ले ली है।
सोमवार (एक जुलाई, 2024) को देश की राजधानी दिल्ली में ये बातें उन्होंने दोपहर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी सहयोगी माने जाने वाले बीजेपी नेता नेता ने बताया, “75 साल के बाद कानूनों पर विचार हुआ है और यह कानून आज से हर थाने में काम करना चालू करेगा। इंडियन पीनल कोड, जिसे आईपीसी कहते थे, अब उसकी जगह बीएनएस ने ले ली है.
अमित शाह के अनुसार, बीएनएस के तहत ढेर सारे ऐसे प्रावधान किए गए, जिससे कई समूहों को फायदा होगा। कई सारी ऐसी चीजें, जिससे भारतीय नागरिकों को परेशानी थी, उन्हें हटाकर नए प्रावधान लाए गए। दफाओं और चैप्टर्स की प्राथमिकता तय की गई है,जबकि महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी गई है। गैंगरेप के लिए अब 20 साल की सजा या आजीवन कारावास होगी और नाबालिग के साथ रेप में मौत की सजा दी जाएगी।
ऑनलाइन FIR से महिलाओं को होगा फायदा
पीसी के दौरान केंद्रीय ग्राह मंत्री ने आगे जानकारी दी कि पीड़ितों का बयान उसके घर पर महिला अधिकारियों की उपस्थिति में और परिजनों के उपास्थिति में लेने का प्रावधान किया गया है। ऑनलाइन एफआईआर की व्यवस्था से भी महिलाओं को फायदा होगा। पहली बार मॉब लिंचिंग को भी परिभाषित किया गया है। आजादी के इतने सालों के बाद ये कानून में बदलाव हुआ है, जो हमारे संविधान की स्पिरिट का बहुत बड़ा परिचायक है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बोले- ये कानून की…
गुजरात से नाता रखने वाले बीजेपी के दिग्गज नेता के मुताबिक, “मैं विश्वास से कहता हूं कि तीनों कानून देशभर में सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेंगे और इससे विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनेगी। 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार हुआ। आज से जब ये कानून काम करना शुरू हुए तब दंड की जगह न्याय होगा। देरी की जगह तेजी से काम होगा। इन कानूनों के लागू होने से कह सकते हैं कि यह भारतीय कानून की आत्मा होगी।
पीसी के दौरान अमित शाह ने और क्या कहा?
राजद्रोह कानून अंग्रेजों ने शासन व्यवस्था बनाए रखने को बनाया था. हमने इसे बदला। देशद्रोह कानून लागू किया। यह विश्व की सबसे अत्याधुनिक न्याय प्रणाली होगी।
लोकसभा में 9 घंटे 29 मिनट और राज्यसभा में 6 घंटे 70 मिनट इस बिल पर चर्चा हुई। यह भी झूठ है कि सबको निकालने के बाद यह बिल पास हुआ था।।
मैंने खुद पत्र लिखकर 2020 में सभी सासंदों और सभी मुख्यमंत्रियों को लिखकर सुझाव मांगे थे। सभी जजों से इस बारे में सुझाव मांग गए थे।
तीन महीने गृह विभाग की समिति ने सभी सासंदों से सुझाव लिए।।93 बदलाव के बाद बिल को पारित किया गया है।।
इस सुधार को राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। इस कानून पर राजनीति नहीं करिए। राजनीति करने के लिए और भी कई मुद्दे हैं। राजनीति से ऊपर उठें सभी दल और चर्चा करें। भारत की आजादी के बाद किसी भी कानून पर इतनी लंबी चर्चा नहीं हुई है, जितनी इसपर हुई। 4 साल तक इस बिल पर विचार किया गया है। स्पष्ट कर हूं कि रिमांड का समय 15 दिन का ही है। भ्रांति फैलाई गई है कि इसे बढ़ाया गया है।