दिल्ली । भारत में पिछले कुछ सालों में डिजिटल ट्रांजैक्शन की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. साल 2016 में यूपीआई की शुरुआत के बाद से यह पेमेंट का सबसे पॉपुलर विकल्प बन गया है.
आजकल लोग कैश और कार्ड से पेमेंट करने के बजाय यूपीआई के जरिए पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. ऐसे में बढ़ते यूपीआई पेमेंट के साथ ही इससे जुड़ी फ्रॉड की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है. फ्रॉड करने वाले स्कैमर्स हर दिन नए तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं. हाल के दिनों में ऑटोपे के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम देने की कई घटनाएं सामने आई हैं. आइए जानते हैं कि आप इससे कैसे बच सकते हैं.
क्या है UPI ऑटोपे स्कैम?
ऑटो पे स्कैम के जरिए यूपीआई यूजर को एक ऑटो पे रिक्वेस्ट के जरिए चूना लगाया जाता है. इसमें सबसे पहले यूपीआई यूजर को किसी झूठी कहानी पर विश्वास दिलाने की कोशिश की जाती है. उदाहरण के तौर पर आपने नेटफ्लिक्स या डिज्नी के सब्सक्रिप्शन के लिए रिक्वेस्ट भेजा हो. ऐसे में फ्रॉड करने वाले लोग इसका फायदा उठाकर आपको सब्सक्रिप्शन के लिए ऑटो पे की रिक्वेस्ट भेजते हैं. इसमें यूजर को भेजा गया रिक्वेस्ट सही हो सकता है, लेकिन जिस व्यक्ति ने भेजा है वह गलत हो सकता है. ऐसे में यूजर यह सोचता है कि यह अनुरोध कंपनी की ओर से आया है और वह इसे स्वीकार कर लेता है. इसके बाद यूजर के खाते से पैसे कट जाते हैं और वह जालसाज के खाते में पहुंच जाते हैं.
फर्जी और सही रिक्वेस्ट के बीच का फर्क समझें
ध्यान रखें कि इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही और फर्जी रिक्वेस्ट के बीच के फर्क को समझना बहुत आवश्यक है. इसके जरिए आप अपने आपको इस तरह की फ्रॉड की घटनाओं से सुरक्षित रख सकते हैं.
आज के वक्त में लोग अपने मोबाइल नंबर को ई-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग आदि के लिए आसानी से जमा कर देते हैं. ऐसे में इस तरह के घोटालेबाज लोग इसका फायदा उठाते हैं. वे लोगों की UPI ID को क्रैक कर फर्जीवाड़े को अंजाम देते हैं.
इस तरह खुद को फ्रॉड से रखें सुरक्षित
खुद को फ्रॉड से सुरक्षित रखने के लिए आप अपनी यूपीआई आईडी को सीधे बैंक खाते से जोड़ने से बचें. इसके बाजाय आप कोशिश करें कि वॉलेट में पैसे रखें और इसके जरिए ही पेमेंट करने की कोशिश करें. इससे आपके बैंक खाते में पैसे सुरक्षित रहेंगे और आप का पेमेंट का काम वॉलेट से चलता रहेगा. इसके साथ ही किसी भी ऑटो पे रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करने से पहले उसकी जांच कर लें. सही और गलत के बीच फर्क करना आवश्यक है.