मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु सतर्क रहने एवं सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक तैयारियां रखने हेतु किया निर्देशित,डेंगू के रोकथाम हेतु निगम की गाड़ियों द्वारा बचाव के संबंध में ऑडियो मैसेज से करें प्रचारित*
,राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए लक्ष्य का शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने के दिए निर्देश
कोरबा । कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए लक्ष्य का शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने के निर्देश दिए।
जिले में डायरिया, डेंगू, मलेरिया व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रखने एवं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एस एन केशरी तथा समस्त कार्यक्रम नोडल अधिकारी, जिला आयुर्वेद अधिकारी, डब्लूएचओ के एसएमओ, डीपीएम,समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त बीपीएम एवं विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान सीएमएचओ डॉ केशरी द्वारा समस्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी दी गई।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारियों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में किसी एक पद के कर्मचारी पदस्थ होने की स्थिति में उसी पद का दूसरा कर्मचारी पदस्थ नहीं करने के निर्देश दिए। डीएमएफ द्वारा की जा रही स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती में पात्र अपात्र अभ्यर्थियों की सूची बुधवार को जारी करना है एवं आगामी 7 दिनों में प्रोविजनल सूची वेटिंग लिस्ट के साथ निकालना है। प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा व बिरहोर वर्ग के शिक्षित युवाओं को नियुक्त करना है।
कलेक्टर ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को अपने ड्यूटी समय में चिकित्सालय में उपस्थित रहकर मरीजों का इलाज करने के निर्देश दिए। साथ ही अनावश्यक मरीजों को
रेफर नही करने के लिए कहा।
पीवीटीजी बसाहटों में निरंतर स्वास्थ्य शिविर लगाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के दिए निर्देश
कलेक्टर ने जिले के पीवीटीजी समुदाय के बसाहटों में लगातार 2-3 माह तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के निर्देश दिए। शिविर में उनका आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण, खून, सुगर, बीपी की जांच, आयुष्मान कार्ड निर्माण आदि जैसे अनेक स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से लाभांवित करने के लिए कहा। इन बसाहटों में टीबी मरीजों का कांटेक्ट ट्रेसिंग कर उन्हें दवाइयां, निक्षय मित्रों से अटैच करने तथा टेस्ट का रेशियो पूरा करने की बात कही।
कलेक्टर ने कहा कि जिले में 2 विशेष सरंक्षित जनजाति पहाड़ी कोरवा एवं बिरहोर निवास करते है जिनकी संख्या लगभग 5 हजार के करीब है। उन्होंने पीवीटीजी समुदाय के गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों के इलाज के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिए। उन्होंने कहा कि इन समुदाय के गम्भीर बीमारी से संक्रमित व्यक्ति जिनका उपचार मेडिकल कॉलेज में संभव नही है, उनके राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर किसी भी अस्पताल में कराये जाने में होने वाले सम्पूर्ण खर्च का वहन डीएमएफ द्वारा किया जाएगा।
सूचना तंत्र को सक्रिय रखें, जिससे संक्रमण की तत्काल मिले जानकारी: कलेक्टर जनजागरूकता हेतु व्यापक प्रचार प्रसार करने के दिए निर्देश
बैठक में कलेक्टर ने जिले में डायरिया, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु सतर्क रहने एवं सभी स्वास्थ्य केंद्रों में आवश्यक सभी तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को अपने सूचना तंत्र को सक्रिय रखने की बात कही। जिससे संक्रमण की जानकारी मिलते ही तत्काल स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुँचकर मरीजों के उपचार किया जा सके। सभी केंद्रों में आवश्यक सभी दवाइयां की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही
वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों का संक्रमण से बचाव के लिए व्यापक प्रचार प्रसार करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित करते हुए कहा कि मौसमी बीमारियों से कोई भी मृत्यु नहीं होनी चाहिए, सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें।
कलेक्टर ने डेंगू के संक्रमण के रोकथाम हेतु नगरीय क्षेत्र में निगम की गाड़ियों में डेंगू से बचाव के संबंध में ऑडियो मैसेज के माध्यम से जनजागरूकता लाने के लिए कहा। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब हेल्थ सेंटर में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने दिए निर्देश
जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब हेल्थ सेंटर में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने की बात कही। उन्होंने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में माह में 10 प्रसव तथा उप स्वास्थ्य केंद्रों में तीन प्रसव अनिवार्य रूप से कराने के लिए कहा। इस हेतु मितानिनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीयन उनका नियमित स्वास्थ्य जांच एवं फालोअप लेने की हिदायत दी। उन्होंने मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने हेतु आवश्यक सभी प्रयास करने की बात कही। बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अंतर्गत दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की टीका, कुष्ठ उन्मूलन, क्षय रोग, टी.बी. हाइपरटेंशन, कृमिनाशक एवं विटामिन दवा पान, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, मनोरोग चिकित्सा कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए।