हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा(भुवनेश्वर महतो ) । प्रदेश के सरकारी स्कूलों में संलग्नीकरण (अटैचमेंट) का खेल बंद करने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश आकांक्षी जिला कोरबा में हवा में उड़ गई है। जिले में शिक्षा विभाग ने 87 प्राथमिक ,19 माध्यमिक कुल 106 स्कूलों में मूल संस्था से अन्यत्र स्कूलों में शिक्षक अटैच किए गए हैं।।संलग्नीकरण की दोषपूर्ण व्यवस्था से न केवल शासन के आदेशों की अवहेलना हो रही है वरन शैक्षिक व्यवस्था भी प्रभावित हो रही।
यहां बताना होगा कि छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में संलग्नीकरण (अटैचमेंट) का खेल बंद करने स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कई बार आदेश जारी किया जा चुका है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय (DPl ) द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए गए थे। बकायदा 7 फरवरी 2022 को अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को 15 दिवस के भीतर शालाओं में संलग्नीकरण समाप्त कर संलग्न शिक्षक को मूल शाला हेतु कार्यमुक्त करने का आदेश दिया था। पत्र में स्पष्ट किया गया था कि,जो शिक्षक अटैचमेंट का लाभ लेकर दूसरे स्कूलों में हैं, उन्हें उनके मूल शाला में तत्काल भेजा जाए। यदि शिक्षक अपनी मूल जगहों में नहीं जाते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।लेकिन आकांक्षी जिला कोरबा में उक्त आदेश का पालन करना तो दूर इसके बाद भी 106 शिक्षकों का संलग्नीकरण कर दिया गया है। इनमें प्राथमिक शाला के 87 तो माध्यमिक शाला के 19 शिक्षक शामिल हैं। अतिशेष शिक्षकों को कलेक्टर के अनुमोदन एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ ) के प्रस्ताव के आधार पर नियमित पदस्थापना होते तक अध्यापन कार्य हेतु आदेशित किया गया है।
न एकल शिक्षकीय न शिक्षक विहीन फिर भी इन शालाओं में कर दिया संलग्न





कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा के आदेश में उल्लेख किया गया है कि मूल पदस्थापना स्थल से अन्यत्र एकल शिक्षकीय ,शिक्षक विहीन एवं शिक्षकों की कमी वाले शालाओं में सुचारू रूप से अध्यापन व्यवस्था सुनिश्चित करने शिक्षकों को संलग्न किए जाने का उल्लेख है। लेकिन 16 शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में संलग्न किया गया गई है जो न एकल शिक्षकीय हैं न ही शिक्षकविहीन। अब इस जरूरतमंद स्तर के स्कूलों के अलावा डीईओ की नजर में संलग्न शिक्षकों को अन्यत्र स्कूलों में संलग्न करने के पीछे क्या वजह व ठोस आधार दिखा उसे वे ही जानें। 87 प्राथमिक शालाओं में संलग्न किए गए शिक्षकों के मामले में भी कमोबेश यही हाल है।

जिन स्कूलों में शिक्षकों की नितांत आवश्यकता नहीं वहाँ भी शिक्षकों को संलग्न कर दिया गया है। मामले में डीईओ का कॉल नहीं लगने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है।
मंत्रालय के आदेश को दिखाया ठेंगा !



स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन मंत्रालय रायपुर द्वारा 7 फरवरी 2022 को आदेश जारी कर प्रदेश के सभी जिलों में संलग्न शिक्षकों एवं शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से अपने मूल पदस्थापना में लौटने का आदेश जारी किया गया था। उच्च शिक्षा विभाग के इस आदेश को कोरबा शिक्षा विभाग ने ठेंगा दिखाते हुए संलग्न शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना से कार्यमुक्ति तो नही किया अपितु आदेश के विपरीत और कई अन्य शिक्षकों से भेंट पूजा लेकर संलग्न कर दिया गया।इस प्रकार जिले में आज तक संलग्नीकरण का खेल अनवरत जारी है।
भेंट पूजा दो और मनचाहे स्कूल में संलग्न हो जाओ !
शिक्षा विभाग के इस अटैचमेंट के खेल में, यूँ कहें तो भेंट पूजा दो और जिला मुख्यालय में या आसपास अपने पसंदीदा स्कूल में संलग्न हो जाओ का खेल चल रहा है। नाम न छापने की शर्त पर विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि शिक्षक अटैचमेंट का फायदा उठाकर अधिकांश दिन पढ़ाने नहीं आते। इन शिक्षकों को शिक्षाधिकारियों का पूरा संरक्षण प्राप्त है।उच्च शिक्षा विभाग के आदेश को 2 साल से अधिक का समय हो गया उसके बावजूद भी डीईओ द्वारा उस आदेश का पालन नही किया गया है।
इस वजह से जानबूझकर नहीं जाना चाहते कुछ शिक्षक
बताया जा रहा है कि संलग्न शिक्षकों में से कुछ शिक्षक जानबूछकर स्कूलों में वापस नहीं लौटना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें अपने मूल स्कूल से अधिक आराम अटेचमेंट वाले स्कूल में मिलता है। जिसके चलते वे अपना अटैंचमेंट खत्म नहीं कराना चाह रहे हैं। जबकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भी विगत 2 वर्ष से पहले समस्त संलग्न शिक्षकों के संलग्नीकरण समाप्त करने लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे। उक्त आदेशों पर आज तक अमल में नहीं हो पाया है। शिक्षकों के अटैच होने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों की शालाओ में अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहे हैं।