बिना रंजिश,दहशतगर्तों ने ले ली निर्दोष की जान,2 साल बाद मिली न्याय ,14 दोषियों को उम्रकैद ,न्यायाधीश का फैसला सुन छलक पड़े परिजनों के आंसू ,जानें मामला …

कोरबा। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सीतामणी गोकुलगंज में 25 अगस्त 2022 की रात नशे में धुत्त 40-50 की संख्या में पहुंचे नाबालिगों और युवकों ने दहशतगर्दी मचाई। इन्होंने पुरानी रंजिश पर उत्पात मचाते हुए बिना किसी रंजिश के निर्दोष कृष्ण यादव की हत्या कर अपने हाथ खून से रंग लिए। वारदात में शामिल सभी 14 बालिग आरोपियों को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान बस्तीवासी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। हत्यारों को सजा मिलने से परिजनों की आँखें छलक पड़ी।

यह घटना 25 अगस्त 2022 की आधी रात हुई थी। गोकुलगंज में दुर्गा मंदिर के पास रहने वाले कृष्णा यादव उर्फ कुणाल 26 वर्ष की हत्या उस रात हुए घटनाक्रम में कर दी गई। उसकी चीख-पुकार सुनकर बीच बचाव के लिए बाहर निकले भाई चोटिल रिंकू यादव ने पुलिस को बताया था कि रात करीब 10 बजे मोतीसागर पारा निवासी राहुल, चीकी पांडे, अनिकेत, पिंटू, राकेश नशे में चूर होकर अपने 40 से 50 साथियों के साथ पहुंचे। सभी के पास लाठी, डंडे, रॉड, तलवार, कुल्हाड़ी जैसे हथियार थे। ये लोग घर के मुख्य दरवाजा को तोड़कर अंदर घुस आए और तीन बाइकों में व घर में लगे शीट में तोड़फोड़ किये। आंगन में बंधे गाय, भैंस पर भी अपना गुस्सा उतार रहे थे। ये लोग घर से बाहर निकलने के लिए जोर-जोर से चिल्ला रहे थे। इनके दहशत के कारण आसपास के लोग अपने घरों में दुबके रहे और मदद के लिए कोई भी नहीं आया। इस बीच कृष्णा यादव अपनी ड्यूटी से वापस घर लौटा था जिसे दरवाजे पर ही दहशतगर्दों ने हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर मार डाला। कृष्णा की चीख पुकार सुनकर रिंकू घर से बाहर निकला तो उसके साथ भी मारपीट की गई। घटना के दौरान गोकुलगंज का यह क्षेत्र दोनों भाई की चीख-पुकार से गूंजता रहा लेकिन मदद नहीं मिली। पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार पहुंचे तो उनके घर में भी तोड़फोड़ की गई। घटना की सूचना किसी तरह पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस के पहुंचने तक आतंक कायम था और हत्या हो चुकी थी। तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव ने मामले में नाबालिग सहित कुल 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल व सुधार गृह में दाखिल कराया गया। आरोपियों के विरुद्ध 25, 27 आर्म्स एक्ट, धारा 147, 148, 149, 294, 302, 450, 506 बी भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया।

न्यायाधीश ने कहा…

अपर सत्र न्यायाधीश (फ़ास्ट ट्रेक) श्रीमती ज्योति अग्रवाल ने कहा कि अभियुक्तगण के द्वारा बलवा एवं हत्या जैसा जघन्य अपराध कारित किया गया है। सभी अभियुक्तगण सामान्य उद्देश्य के अग्रसरण में घटना स्थल पर उपस्थित थे। नितेश यादव से लड़ाई- झगडा मारपीट के पश्चात भी वे घटना स्थल से नहीं गये और क्षति करने के उद्देश्य से घटना स्थल पर ही उपस्थित रहे। मृतक कृष्णा यादव से आरोपीगण की कोई पूर्व रंजिश न होते हुये भी विधि विरुद्ध जमाव का गठन कर सामान्य उद्देश्य बनाकर घातक आयुधों से सुसज्जित हुये और निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने का जघन्य अपराध किया। आरोपीगण का कृत्य क्षम्य योग्य प्रतीत नहीं होता है।
अतः अभियुक्त भुनेश्वर साहू उर्फ चिकी पाण्डेय, राहुल बेलदार, शनि यादव, संदीप यादव, जयराम सोनी उर्फ दाउ, गौतम गोड, संजू यादव, राजेन्द्र गोड, शरद बराई उर्फ चिन्ना मद्रासी, राकेश गोड, अनिकेत राजपूत उर्फ बाबू, उपदेश साहू उर्फ उदेश, ओम कुमार सारथी उर्फ भक्का, पिंटू गोड को अलग-अलग धाराओं में सजा और अर्थदण्ड से दंडित करते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है। मम्मले में अतिरिक्त लोक अभियोजक रामकुमार मौर्य ने मजबूत पैरवी की।

कई दिनों से पनप रही थी रंजिश

स्थानीय लोगों के मुताबिक मृतक कृष्णा यादव के छोटे भाई नितेश के साथ मोतीसागर पारा में रहने वाले पिंटू बेलदार के साथ जन्माष्टमी के दिन विवाद हुआ था। पहले का भी इनका विवाद चला आ रहा था। दोनों पक्ष एक-दूसरे को देख लेने व मारने की धमकी देते आ रहे थे। घटना दिनांक को हत्या कांड से पहले रात करीब 9 बजे पिंटू बेलदार, अनिकेत अपने साथियों के साथ नितेश के घर मारपीट करने पहुंचा था। इस दौरान नितेश, उसके भाई रिंकू और पिता के साथ मारपीट हुई और पिंटू व उसके साथी वापस लौट गए। करीब 1 घंटे बाद 40 -50 की संख्या में ये लोग वापस नितेश के घर पहुंचे और उसे बाहर निकलने के लिए कहते रहे। इसकी जानकारी कृष्ण को फोन पर दी गई जो ड्यूटी छोड़कर घर पहुंचा लेकिन उसे अंदेशा नहीं था कि हमलावर इतनी संख्या मेंं होंगे। उसे दरवाजे पर ही मौत के घाट उतार दिया गया।