पीड़ित को पुलिस ने लौटाया, न्यायालय के आदेश पर 120-B, 420-IPC की FIR
कोरबा। रिटायर्ड एसईसीएल अधिकारी की बेटियों को मंत्रालय व रेलवे में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर अधीनस्थ कार्यरत सफाई कर्मी ने 11 लाख रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया है।
पीड़ित रमेश कुमार करायर उम्र लगभग 63 वर्ष एम.आई.जी. 11/2, पंडित रविशंकर शुक्ल नगर का निवासी है। उसके साथ मुरारी लाल रागडे पिता नामालूम, कार्यालय-टी.ए. सिविल, ऑफिस, एस. ई.सी.एल., कोरबा, निवासी मानिकपुर, मटन दुकान व पोखरी के पास व सोनी भारती निवासी पुरेना बस्ती तेलीबांधा, रायपुर ने ठगी किया है।
पीड़ित ने न्यायालय में आवेदन-पत्र अंतर्गत धारा 156 (3) द.प्र.सं. वास्ते अभियुक्त के विरुद्ध भा.द.वि. की धारा 420, 120 (बी) के तहत प्रथम सूचना पंजीबद्ध किये जाने हेतु संबंधित थाना को आदेशित किये जाने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवादी एस.ई.सी. एल. मुख्यालय कोरबा के सिविल विभाग में इंजीनियरिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था व 31.11.2017 को सेवानिवृत्त हुआ। परिवादी के उपरोक्त पद पर पदस्थ रहने के दौरान मुरारीलाल रागड़ें एस.ई.सी.एल. मुख्यालय कोरबा के सिविल विभाग में सफाई कर्मी के पद पर अधीनस्थ कार्यरत था व सफाई कर्मी कार्यरत है। वह रायपुर स्थित मंत्रालय के उच्चाधिकारियों, कथित नेताओं व मंत्रियों से सम्पर्क होने व अब तक अनेक लोगों की शासकीय नौकरी लगा चुका है,बताया। पीड़ित की दो पुत्रियाँ आरती करायर एवं ममता करायर व आरती करायर की मित्र नूतन साहू को शासकीय नौकरी हेतु प्रयास करते देखा था। इस चिंता से वाकिफ आरोपी ने दोनों पुत्रियों की शासकीय नौकरी आवश्यक रूप से लगाने का आश्वासन दिया जिससे उसकी बातों पर विश्वास हो गया था। आरती व नूतन की शासकीय नौकरी छत्तीसगढ़ मंत्रालय, रायपुर में तथा ममता करायर की शासकीय नौकरी रेलवे में लगवा देने का भरोसा दिया।इसके लिए खर्च लगने की बात कहकर एडवांस राशि जल्द दिये जाने परिजनों पर दबाव डाला गया कि जितनी जल्दी रकम दोगे, उतनी जल्दी में तीनों की नौकरी लगवा सकेगा। कुल 4 लाख रूपए आरोपी सफाई कर्मी के खाते में जमा/ट्रांसफर करने की बात पर कहा कि वह भी शासकीय नौकरी करता है, उक्त राशि उसके खाते में जमा किये जाने से उसकी जाँच आदि की संभावना रहेगी तथा उसके नौकरी पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इसलिए परिवादी व नूतन साहू के परिजन एडवांस राशि मित्र (दूसरे आरोपी) के खाते में जमा करने कहा गया। इस तरह बैंक में जमा/ट्रांसफर व नगद के जरिए अलग-अलग तारीख में कुल 11 लाख पाँच हजार रूपए छलपूर्वक लिया गया। इसके बाद नौकरी आज-कल में लगवाते वर्ष 2019 व्यतीत हो गया। उपरोक्त रकम वापस करने में भी टाल-मटोल किया जाने लगा।
विवश होकर परिवादी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 19.03.2021 को विधिक सूचना पत्र प्रेषित कर उपरोक्त राशि की मांग की गई, जिसका आरोपी सफाईकर्मी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 22.03.2021 को जवाब प्रेषित करते हुए परिवादी पर ही झूठा आरोप लगा उक्त राशि देने से इंकार कर दिया। फिर परिवादी एवं नूतन साहू के द्वारा दिनांक 03.05.2021 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक तथा दिनांक 09.06.2021 को चौकी मानिकपुर में लिखित शिकायत किया गया, जिसमें धारा 155 द.प्र.सं. पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य अपराध की पावती परिवादी को प्रदान कर न्यायालय की शरण में जाने की सलाह दी गई। परिवादी के द्वारा यह परिवाद पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ा।