मजाक में एक डंडा मारने के बदले मिली मौत ,हत्यारोपी को आजीवन कारावास की सजा ….

कोरबा। मजाक में एक डण्डा मारने के बदले महिला के पति ने डण्डा मारने वाली महिला को उसके घर जाकर डण्डे से इतना मारा कि रात तक मौत हो गई। न्यायालय ने आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। मामले में राज्य की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने पैरवी की।

मामला इस प्रकार है कि प्रार्थी तुलसराम मंझवार पिता पंचराम मंझवार, निवासी ग्राम नकिया मांझापारा, थाना लेमरु का रहने वाला है। वह घटना दिनांक 30 जुलाई 2023 को नांगर जोतने खेत तरफ औरईबहार गया था। शाम करीब 6 बजे वापस घर आया तो देखा कि उसकी साली सीतो और साढू प्रहलाद मंझवार उसके घर आये हुए थे। उसकी पत्नी सरोज बाई घर पर नहीं दिखी तो साली सीतो बाई से पूछा जो बतायी कि दोपहर करीब 3 बजे छोटू उर्फ समार साय ने डण्डा से सरोज बाई को मारा है जो कि घर के पीछे परछी में सोयी है। परछी में जाकर पत्नी सरोज बाई को जगाकर पूछा तो वह बतायी कि दोपहर करीब 3 बजे मजाक में मानकुंवर को एक डण्डा मारी थी, इसी कारण उसका पति छोटू उर्फ समार साय डण्डा से बहुत मारा है, शरीर में चोट लगा है, दर्द हो रहा है इसलिए सो रही है। उसी रात्रि करीब 9 बजे तुलसराम अपनी पत्नी को खाना खाने के लिये उठाया तो नहीं उठी, मर गयी थी।
प्रार्थी तुलसराम मंझवार की सूचना पर थाना लेमरु द्वारा अपराध क्रमांक 09/2023 धारा 302 के तहत FIR दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत मामला विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया। न्यायालय तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश, (पीठासीन न्यायाधीश अश्वनी कुमार चतुर्वेदी) ने आरोपी समार साय मंझवार उर्फ छोटू पिता मनबोध सिंह मंझवार, 27 वर्ष ग्राम नकिया, मांझापारा लेमरु को दोषसिद्ध पाया।
प्रकरण के तथ्य एवं संपूर्ण परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को धारा 450, 302 भादंसं के अपराध में क्रमशः 07 वर्ष के सश्रम कारावास, आजीवन सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड क्रमशः 500/- रुपये, 500/- रुपये से दंडित किया गया है। अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में क्रमशः 2 -2 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जावेगा। अभियुक्त को कारावास की दोनों सजाएं साथ-साथ भुगतायी जावेगी।