दुर्ग । एसीसी लिमिटेड से जुड़े एक ट्रांसपोर्टर को बड़े पैमाने पर कोयला चोरी और धोखाधड़ी के लिए गिरफ्तार किया गया है। आरोपी- वर्धमान ट्रांसपोर्ट के मालिक लोकेश जैन है। आरोप है कि इसने कोयले की हेराफेरी और छेड़छाड़ से जुड़ी धोखाधड़ी की, जिससे एसीसी लिमिटेड को आपूर्ति की गुणवत्ता पर असर पड़ा। यह मामला तब उजागर हुआ जब एसीसी लिमिटेड ने नियमित क्वालिटी चेक के दौरान वर्धमान ट्रांसपोर्ट द्वारा लाए गए कोयले में गड़बड़ी पाईं गई।
तीन ट्रकों में आवश्यक मानक से काफी कम कैलोरी मान वाला कोयला पाया गया। गड़बड़ी का संदेह होने पर, कंपनी ने मामले की सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद, धारा 154 सीआरपीसी के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। छत्तीसगढ़ के दुर्ग के जामुल में आईपीसी की धारा 407 और 511 का हवाला देते हुए मामला दर्ज किया गया है, जिसमें आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी करने के प्रयास शामिल हैं।
आगे की जांच से पता चला कि वर्धमान ट्रांसपोर्ट के ड्राइवर और मालिक कथित तौर पर कोयले की चोरी और कोयले की गुणवत्ता को कम करने के लिए नकली मिश्रण के गोरख धंधे में शामिल थे। ड्राइवरों की शुरुआती गिरफ्तारी पर, उन्होंने एसीसी लिमिटेड के सीमेंट प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति के साथ छेड़छाड़ के जुर्म को कबूल किया। चोरी किए गए कोयले को कथित तौर पर घटिया सामग्री के साथ मिलाया गया था, जिससे इसके कैलोरी मानक में उल्लेखनीय गिरावट आई है। एसीसी लिमिटेड की ऑडिटिंग और क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम द्वारा इस गड़बड़ी को उजागर किया गया। यह मामला एक मिसाल है, जो उद्योगों में सप्लाई चेन मॉनिटरिंग को पारदर्शी बनाता है।
बड़े पैमाने की सप्लाई चेन में काम करने वाली कंपनियाँ दिखा रही हैं कि कैसे सतर्कता और वास्तविक समय की जाँच के ज़रिए धोखाधड़ी की रोकथाम की जा सकती है। यह घटना, सप्लाई चेन में शामिल सभी लोगों को एक स्पष्ट संदेश भेजती है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी, चाहे वह किसी भी पैमाने की हो, उससे सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे मामलों में जब तक मजबूती से कानूनी कार्रवाई चलेगी, उद्योग के मानकों से छेड़छाड़ करने वाले सहमे रहेंगे। ऐसे में सभी क्षेत्रों की कंपनियों को अपने ऑडिट ढांचे को मजबूत करने की जरुरत है।