कलेक्ट्रेट परिसर में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र से कैंटीन में परिवर्तित कैंटीन नुमा होटल में लगभग 3 वर्ष से हो रही बिजली की चोरी

कलेक्ट्रेट परिसर में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र से कैंटीन में परिवर्तित कैंटीन नुमा होटल में लगभग 3 वर्ष से हो रही बिजली की चोरी

छत्तीसगढ़/कोरबा :- कोरबा कलेक्ट्रेट परिसर में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र से कैंटीन में परिवर्तित होटल नुमा कैंटीन में विगत लगभग 3 वर्षों से बिजली की चोरी की जा रही है, कैंटीन के अंदर बड़े-बड़े फ्रीजर और हीटर बेखौफ चल रहे हैं,
प्राप्त जानकारी के अनुसार कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर पूर्व की रमन सरकार द्वारा अन्नपूर्णा दाल भात योजना के तहत कलेक्ट्रेट परिसर में अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र का संचालन किया जा रहा था लेकिन वर्तमान कांग्रेश की भूपेश सरकार के द्वारा यह योजना पूरे छत्तीसगढ़ में बंद कर दी गई है लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र संचालक को फायदा पहुंचाने की नियत से अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र को कैंटीन के रूप में कुछ वर्ष पहले बिना टेंडर के मौखिक आदेश पर कैंटीन का संचालन किया जा रहा था इसके बाद मीडिया में इस बात को लेकर हल्ला मचा तो आनन-फानन में टेंडर की प्रक्रिया की गई लेकिन वह भी पारदर्शी नहीं हुई अंत में फिर उसी अन्नपूर्णा दाल भात केंद्र संचालक को ही कैंटीन अधिकारियों की मिलीभगत से मिल गई, लेकिन आज तक उक्त कैंटीन भवन में बिजली कनेक्शन नहीं लगाया गया बताया जा रहा है की कुछ दिन एक विभाग के साथ मिलीभगत कर कई माह अवैध बिजली के द्वारा कैंटीन का संचालन किया लेकिन भारी भरकम विभाग को बिजली बिल मिलने के कारण उसने कैंटीन का कनेक्शन कटवा दिया अब कैंटीन संचालक डायरेक्ट बिजली पोल से तार फंसाकर बिजली की चोरी कर कैंटीन का संचालन कर रहा है एक और विद्युत विभाग जहां छोटे बिजली चोरी के मामले में तुरंत पहुंच कर कार्यवाही कर देता है वही जहां सार्वजनिक सैकड़ों लोगों का रोज आना जाना रहता है वहां विद्युत विभाग की नजर कैसे नहीं पड़ी कहीं ना कहीं विद्युत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है । वही जब इस विषय में विद्युत विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने फील्ड में होने की जानकारी देते हुए टालमटोल करते हुए फोन को कट कर दिया इससे स्पष्ट होता है कि कहीं ना कहीं विद्युत विभाग के मिलीभगत से कैंटीन संचालक द्वारा बिजली की चोरी की जा रही है इसके साथ साथ कलेक्ट्रेट परिसर में किसी संबंधित उच्च अधिकारी के संरक्षण से भी इनकार नहीं किया जा सकता है