धान खरीदी पर विराम ,भुगतान के लिए अन्नदाता किसान परेशान ,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा शाखा में नाराज किसानों का आरोप -जो चढ़ावा देते हैं उन चहेतों का त्वरित होता है भुगतान,बैंक प्रबंधन ने कहा -श्यांग क्षेत्र के किसान विलंब से पहुंचकर निराधार कर रहे बदनाम ,देखें हसदेव की पड़ताल …

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अभियान पर विराम लगने के करीब एक पखवाड़े बाद भी अन्नदाता किसान अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई के लिए आकांक्षी जिला कोरबा में लचर बैंकिंग व्यवस्थाओं की वजह से सहकारी बैंक का चक्कर काटने मजबूर हैं। बुधवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा शाखा में लेमरू,श्यांग,कनकी समिति के सैकड़ों किसान भुगतान के लिए पहुंचे थे।शाम 6 बजे भुगतान के लिए बैंक के बाहर खड़े किसानों ने बैंक प्रबंधन पर अन्य किसानों की तरह चढ़ावा न देने पर भेदभाव कर भुगतान के लिए 3 से 4 घण्टे तक इंतजार कराने ,महज 25 हजार तक भुगतान करने ,बैंक की कुंडी बंदकर बाहर खड़े करने का गंभीर आरोप लगाया। वहीं बैंक की शाखा प्रबंधक ने उक्त आरोपों के सिरे से खारिज करते हुए श्यांग क्षेत्र के किसानों पर हमेशा भुगतान कि निर्धारित समयावधि के बाद पहुंचकर अनावश्यक ,आधारहीन आरोप लगा बैंक के कर्मचारियों को बदनाम करने की बात कही। किसान और बैंक प्रबंधन के आमने सामने होने से शासन की धान खरीदी,भुगतान व्यवस्थाओं की किरकिरी हो रही। मामले में दोनों पक्षों ने जिला प्रशासन से दखल की गुजारिश की है।

यहाँ बताना होगा कि जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024 -25 में
31 लाख क्विंटल धान खरीदी के लक्ष्य की पूर्ति में 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में 44 हजार 427 किसानों ने 29 लाख 15 हजार 548.80 क्विंटल समर्थन मूल्य पर 670 करोड़ 57 लाख 62 हजार 240 रूपए का धान बेचा । जहाँ जिला लक्ष्य की पूर्ति में 17 फीसदी दूर रह गया वहीं खरीदे गए धान का भुगतान जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को पर्याप्त राशि नहीं मिलने एवं अमले के कमी की वजह से किसानों को समय पर नहीं हो पाने अधूरे भुगतान होने की शिकायतें आ रही है। बुधवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर के कोरबा शाखा में शाम 5 बजे एक बार फिर सैकड़ों किसानों ने गम्भीर आरोप लगाते हुए व्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की।हसदेव एक्सप्रेस की पड़ताल में श्यांग ,लेमरु ,देवपहरी ,कथरीमाल व अन्य जगह से पहुंचे किसानों ने बैंक में महज 25 हजार रुपए तक भुगतान करने ,चढ़ावा देने वाले चहेते किसानों को त्वरित भुगतान करने का गम्भीर आरोप लगाया।

हसदेव एक्सप्रेस से तराईमारडीह से पहुंचे किसान मुकितराम राठिया ने बताया कि उन्होंने बरपाली समिति में 103.30 क्विंटल धान बेचा है। जिसका 2 लाख 37 हजार भुगतान होना है। लेकिन आज उन्हें सिर्फ 25 हजार रुपए का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि शादी ब्याह का सीजन है इतनी कम राशि के भुगतान से कैसे व्यवस्था करेंगे। उन्होंने जो पैसे देते हैं उनका तत्काल अधिक भुगतान होने का आरोप लगाया। कथरीमाल से पहुंचे किसान जीवनलाल ने बताया कि उन्होंने कनकी समिति में धान बेचा है ,लेकिन उनका खाता कोरबा ब्रांच में होने की वजह से वे भुगतान के लिए पहली बार यहां पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि 3 घण्टे से अबकी बारी का इंतजार कर रहा हूँ 5 बज गए अंदर से भुगतान हेतु बुलावा नहीं आया। अंदर से गार्ड ने सिटकनी लगा हमें बाहर कर दिया है। उन्होंने बैंक प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो चहेते हैं उन्हें बुला बुला के त्वरित भुगतान कर रहे हैं।श्यांग से पहुंचे किसान सुखराम ,देवपहरी से पहुंचे किसान मंगलसिंह कंवर ने भी जीवनलाल के आरोपों पर समर्थन देते हुए बैंक प्रबंधन पर भेदभाव कमीशनखोरी का आरोप लगाया। दोनों किसान हाथी प्रभावित क्षेत्रों के किसान हैं बावजूद वे भुगतान के लिए बैंक प्रबंधन की अव्यवस्था से हताश निराश दिखे।

बोलीं ब्रांच मैनेजर श्यांग क्षेत्र के किसान निर्धारित मियाद ढाई के बाद आकर ,निराधार आरोप लगाकर करते हैं बदनाम ,हम कहां करें इनकी शिकायत ….

हसदेव एक्सप्रेस ने किसानों के उक्त गंभीर आरोपों की सत्यता की पड़ताल करने बैंक प्रबंधन से उसका पक्ष जानने बैंक के अंदर जाकर शाखा प्रबंधक से उनका पक्ष जाना। जिसमें शाखा प्रबंधक श्रीमती सरिता पटेल ने उक्त गंभीर आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा की धान खरीदी शुरू होते ही नवंबर माह से हमने एक सूचना चस्पा रखी है जिसमें उल्लेख है कि ढाई बजे के पूर्व जो किसान बैंक आते हैं उन सभी किसानों को टोकन पर्ची देकर भुगतान कि प्रक्रिया शुरू की जाती है।सभी टोकनधारी किसानों को EOD (एंड ऑफ डे ) 7 -7.30 बजे के पूर्व भुगतान सुनिश्चित हो सके इसलिए यह व्यवस्था बनाई गई है । बावजूद इसके श्यांग क्षेत्र के किसान उक्त समयावधि के बाद बैंक पहुंचकर भुगतान के लिए बैंक के कर्मचारियों पर दबाव बनाते हैं। भुगतान नहीं हो पाने अथवा विलंब से होने की स्थिति में पैसे मंगने का निराधार आरोप लगा बैंक व कर्मचारियों को बदनाम करते हैं। जिससे कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। हम ऐसे किसानों की शिकायत कहाँ करें ,किससे करें ,इसके लिए कब समय निकालें लगातार भुगतान की वजह से इसके लिए समय नहीं निकाल पा रहे।

सिंगल आईडी से 25 हजार तक भुगतान ,बैंक के बीएम का दावा –
तो यह निर्वाचन आयोग की गलती ,उन्हें बैंक के कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगानी थी…

धान खरीदी व अंतर (बोनस )की राशि के भुगतान योग्य राशि लाखों रुपए तक होने के बाद भी महज 25 हजार रुपए तक के भुगतान करने की वजह भी बैंक प्रबंधन ने स्पष्ट की है। हसदेव एक्सप्रेस से बैंक की शाखा प्रभारी श्रीमती सरिता पाठक ने कहा कि बैंक में तीन लिपिक हैं एक ने पत्नी की डिलीवरी की वजह से इमरजेंसी छुट्टी ली थी। एक महिला लिपिक की निर्वाचन ड्यूटी लगी थी। बुधवार को दोपहर 2 बजे मतपेटी जमा करने की वजह से उनका ड्यूटी पर आना संभव नहीं था। जिसकी वजह से मैंने व्यवस्था अंतर्गत अन्य कर्मचारियों को दूसरे के आईडी में बिठाकर सिंगल काउंटर से भुगतान की व्यवस्था बनाई। ताकि कम से कम किसानों को 25 हजार रुपए तक को भुगतान किया जा सके। कर्मचारी के अभाव में इससे अधिक के भुगतान की व्यवस्था संभव नहीं थी। सिंगल काउंटर से भुगतान की व्यवस्था बनाई में 25 हजार तक कि राशि को कैशियर को बिना लेखापाल ,शाखा प्रबंधक से पास कराए इंट्री कर भुगतान करने का अधिकार है। इससे अधिक की राशि के लिए लेखापाल एवं शाखा प्रबंधक से पासिंग करना पड़ता है। जिसमें काफी समय लगता है। लेकिन सिंगल काउंटर से 25 हजार रुपए तक देने की व्यवस्था कुछ किसानों को रास नहीं आई आरोप प्रत्यारोप लगाना शुरू कर दिया।
अगर निर्वाचन ड्यूटी में जाना गलत है तो निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करनी चाहिए थी कि वो धान खरीदी के भुगतान में लगे लिपिकों की ड्यूटी निर्वाचन कार्य मे न लगाई जाए। अमले के अभाव में हम चाहकर भी 400 से अधिक किसानों को 25 हजार रुपए से अधिक की राशि का भुगतान नहीं कर पाए। इतने किसानों के लिए यह संभव ही नहीं है। रोजाना 400 किसान आ रहे हैं। जिन्हें डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान कर रहे हैं।बताया जा रहा है जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली में भी बुधवार को किसानों को महज 25 हजार रुपए तक कि राशि भुगतान की गई। इससे पूर्व 40 हजार रुपए तक भुगतान किया जाता था। एक ही दिन में 4 समितियों सुखरीकला ,सोहागपुर ,बरपाली ,कनकी के किसानों के भुगतान करने की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई।

वर्जन

विलंब से पहुंच निराधार आरोप लगा श्यांग क्षेत्र के किसान करते हैं बदनाम ,मानसिक प्रताड़ना के बीच कैसे करें काम ,निर्वाचन ड्यूटी,अमले की कमी के बीच कर रहे भुगतान

किसानों का आरोप निराधार है। सभी किसानों का पारदर्शी तरीके से भुगतान हो रहा है। निर्वाचन ड्यूटी व इमरजेंसी छुट्टी में दो लिपिकों के जाने की वजह से सिंगल आईडी से हमने भुगतान सुनिश्चित कराई। ढाई बजे तक आने वाले सभी किसानों को 25 -25 हजार रुपए तक भुगतान किया गया है। बावजूद इसके श्यांग क्षेत्र के किसान उक्त समयावधि के बाद बैंक पहुंचकर भुगतान के लिए बैंक के कर्मचारियों पर दबाव बनाते हैं। भुगतान नहीं हो पाने अथवा विलंब से होने की स्थिति में पैसे मंगने का निराधार आरोप लगा बैंक व कर्मचारियों को बदनाम करते हैं। जिससे कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। ऐसे किसानों की शिकायत हम कहाँ करें।

सरिता पाठक ,शाखा प्रबंधक ,जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा ,जिला -कोरबा (छ.ग)।