शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों ने भरी दोपहरी में जिला मुख्यालय में पैदल मार्च कर भरी हुंकार ,प्रधानमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

कोरबा। 17 मार्च से बेमियादी हड़ताल में डटे पंचायत सचिवों ने पूर्व घोषणानुरूप अपनी वर्षों पुरानी शासकीयकरण की माँग को लेकर सोमवार को जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन रैली निकाल भरी दोपहरी में पैदल मार्च कर हुंकार भरी। 2023-24 के विधानसभा चुनाव के दौरान “मोदी की गारंटी” के अंतर्गत पंचायत सचिवों को शासकीय सेवा में शामिल करने के वादों की याद दिलाते हुए अपनी आवाज बुलंद की।

इस वादे के पूर्ण नहीं होने से प्रदेश के पंचायत सचिवों में व्यापक असंतोष देखने को मिल रहा है। इसी के तहत पंचायत सचिव संघ द्वारा जिला मुख्यालय में पदयात्रा निकालते हुए ज़िला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान “शासकीयकरण हमारा अधिकार है”, “मोदी की गारंटी पूरी करो” जैसे नारों के साथ सचिवों ने अपनी एकजुटता दिखाई। प्रदर्शन के उपरांत सचिवों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा। ज्ञापन में सचिवों ने आग्रह किया कि 7 जुलाई 2024 को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में माननीय मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में शासकीयकरण को आवश्यक बताते हुए तत्काल कमेटी गठन का आश्वासन दिया गया था। उसके अनुरूप 16 जुलाई को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गठित समिति ने निर्धारित अवधि में रिपोर्ट भी सौंप दी थी।इसके बावजूद बजट सत्र में शासकीयकरण की घोषणा नहीं की गई, जिससे सचिवों में गहरी निराशा है। सचिव संघ अध्यक्ष जयपाल सिंह कंवर का कहना है कि कई सचिव पिछले 30 वर्षों से पंचायतों में सेवाएँ दे रहे हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें उनका हक मिले। प्रदर्शन के दौरान प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस बल की उपस्थिति में पूरा कार्यक्रम शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। सचिवों ने केंद्र सरकार से “मोदी की गारंटी” को यथाशीघ्र पूर्ण करने का अनुरोध किया है।