विक्रेता ने एक ही जमीन को दो लोगों को बेच दिया था ,पटवारी ने तहसीलदार की अनुमति के बगैर कर दिया था दुरुस्तीकरण ,हाईकोर्ट की फटकार के बाद हुई कार्रवाई
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा-जनकपुर । जिले के प्रशासनिक महकमे से एक सनसनीखेज खबर निकलकर सामने आ रही है। कोरबा तहसील में पदस्थ तहसीलदार सत्यपाल प्रताप राय को जमीन खरीदी बिक्री मामले में धोखाधड़ी ,पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही के मामले में जनकपुर पुलिस अपने साथ उठाकर ले गई है।इस कार्रवाई से प्रशासनिक महकमे में हड़कम्प मच गया है।
विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी अनुसार मामला सन 2016-17 का है । जब मनेन्द्रगढ़ -चिरमिरी -भरतपुर (अविभाजित कोरिया) जिले के भरतपुर तहसील में जब सत्यपाल प्रताप राय तहसीलदार के साथ साथ उप पंजीयक के अतिरिक्त प्रभार में थे। मिल रही जानकारी अनुसार उस दौरान भरतपुर के बहरासी गाँव में एक निजी जमीन की खरीदी -बिक्री हुई। उस दौरान क्रेता ने नामांतरण नहीं कराया,तो जमीन रिकार्ड में विक्रेता के नाम पर ही दर्ज था। विक्रेता ने उसी जमीन को पुनः किसी और को बेच दिया। इस दौरान तत्कालीन पटवारी आशीष सिंह ने ने बिना तहसीलदार के अनुमति के क्रेता के नाम पर रिकार्ड दुरुस्तीकरण कर दिया। इस फर्जीवाड़े का पूर्व क्रेता को पता चलते ही उसने प्रकरण में संबंधितों के विरुद्ध थाना में एफआईआर दर्ज करा दी। साथ ही आवश्यक कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट की शरण ले ली। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी में लेटलतीफी को लेकर याचिकाकर्ता क्रेता ने हाईकोर्ट के संज्ञान में पुनः यह बातें लाई। हाईकोर्ट की फटकार के बाद एक्शन में आई जनकपुर पुलिस ने बुधवार को कोरबा तहसील पहुंचकर तत्कालीन तहसीलदार ,उप पंजीयक वर्तमान कोरबा तहसीलदार को पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं करने के आरोप में रिमांड में ले गई है। हालांकि जो जानकारी छनकर सामने आ रही है उसमें इस फर्जीवाड़े में पटवारी की विशेष भूमिका रही है। हालांकि मामले में 2 आरोपियों की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। ।बहरहाल जिले में एक प्रशासनिक अधिकारी को पुलिस के रिमांड में लेने की यह पहली घटना है। जिससे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।