CG:सुशासन तिहार में पंचायत सचिवों का शासकीयकरण करने की मांग,इस जनपद अध्यक्ष ने आवेदन कर कही यह महत्वपूर्ण बात ,इधर कार्रवाई के मूड में साय सरकार ,संचालक ने 24 घण्टे के भीतर काम पर लौटने फरमान जारी करने जिला पंचायत सीईओ को दिए यह आदेश ..

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। शासकीयकरण की एक सूत्रीय मांग को लेकर 17 मार्च से बेमियादी हड़ताल में डटे चरणबद्ध आंदोलन कर रहे पंचायत सचिवों को जहाँ सख्त रुख दिखाते हुए कार्रवाई की चेतावनी के साथ 24 घण्टे के भीतर कार्य पर लौटने का शासन ने फरमान जारी किया है,वहीं डेढ़ माह से आंदोलनरत पंचायत सचिवों के समर्थन में अब जनप्रतिनिधि भी उतर आए हैं। सुशासन तिहार के प्रथम चरण (आवेदन प्रकिया )के अंतिम दिन आकांक्षी जिला कोरबा के करतला जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अशोक बाई कंवर ने पंचायत सचिवों के समर्थन में आवेदन पत्र लिखकर शासन से पंचायत सचिवों का शीघ्र शासकीयकरण किए जाने की मांग की है।

गौरतलब हो कि शासकीयकरण की मांग को लेकर राज्य सरकार की ओर से किसी तरह पहल नहीं होने से प्रदेश पंचायत सचिव संघ के आव्हान पर छत्तीसगढ़ के समस्त 11 हजार 663 पंचायत सचिव बेमियादी हड़ताल पर हैं। तमाम नोटिस के बावजूद 2 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन में डटे हुए हैं। 21 अप्रैल से दिल्ली में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने से पहले मोदी की गारंटी को डेढ़ साल बाद ही सही लागू करने की मांग को लेकर 12 अप्रैल को सरकार की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। 14 अप्रैल को धरना स्थल पर बाबा अंबेडकर की जयंती मनाएंगे। 15 से 19 अप्रैल तक जनपद स्तर पर क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा। 20 अप्रैल को प्रदेश के सभी सचिव जंतर-मंतर कूच करेंगे। 21 अप्रैल से दिल्ली में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ जाएंगे।इधर पंचायत सचिवों के हड़ताल की वजह से पंचायत विकास के समस्त कार्य प्रभावित हो रहे हैं,न केवल विकास कार्य अवरुद्ध हो रहा है वरन जनता परेशान हो रही है। लिहाजा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को भी अब चिंता सताने लगी है।

सुशासन तिहार के प्रथम चरण (आवेदन प्रकिया )के अंतिम दिन आकांक्षी जिला कोरबा के करतला जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अशोक बाई कंवर ने पंचायत सचिवों के समर्थन में आवेदन पत्र लिखकर शासन से पंचायत सचिवों का शीघ्र शासकीयकरण किए जाने की मांग की है।उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि पंचायत सचिवों के हड़ताल से विकास कार्य पर रोक लग गई है। चूंकि विकास कार्यों में पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है लिहाजा मोदी की गारंटी पत्र अनुसार पंचायत सचिवों के शासकीयकरण की मांग को पूरा किया जाए।

तो उठाए जाएं यह सख्त कदम ,
जिला पंचायत सीईओ को दिए गए यह निर्देश 👇

संचालक पंचायत प्रियंका ऋषि महोबिया ने समस्त जिला पंचायत सीईओ को आदेश जारी कर ग्राम पंचायतों के कार्यों की अनिवार्यता को दृष्टिगत रखते हुए समस्त हड़ताली ग्राम पंचायत सचिवों को 24 घण्टे के भीतर हड़ताल समाप्त कर अपने कर्तव्य पर लौटने के संदर्भ में निर्देश प्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश की अवहेलना करने वाले ग्राम पंचायत सचिव के विरुद्ध ग्राम पंचायत सचिव की सेवा शर्तों हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिनांक 29.08.2008 को जारी मार्गदर्शिका में दिए गए प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावे।

तो करारोपण अधिकारियों के साथ साथ इन्हें प्रभार सौंपा जाए👇

संचालक ने जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि छ.ग.पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा-69 (1 ) में दिए गए प्रावधान के अनुसार जिले में कार्यरत सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण एवं करारोपण अधिकारी के साथ साथ साथ यथास्थिति मैदानी स्तर पर कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को भी वर्तमान में कार्य संपादन हेतु अस्थायी रूप से ग्राम पंचायत सचिव का प्रभार सौंपा जावे ताकि ग्राम पंचायत के कार्यों का सुचारू रूप से संचालन किया जा सके। छ.ग.पंचायती राज अधिनियम 1993 की धारा -66(4) के अनुसार ग्राम पंचायत निधि से राशि आहरण सरपंच तथा नियुक्त किए जाने वाले सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जावे।