जल जीवन मिशन : सारंगढ़ -बिलाईगढ़ में 2 साल में भी 456 गांवों में स्वीकृत योजनाओं के 60-70 फीसदी कार्य ही हुए पूरे ,समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने जताई नाराजगी, ठेकेदारों को नोटिस जारी करने के आदेश,201 अधूरे कार्यों को 30 अक्टूबर तक पूरा करने का फरमान ….

सारंगढ़-बिलाईगढ़। जिले में जल जीवन मिशन के तहत हर घर तक पानी पहुंचाने की योजना पर अब प्रशासन पूरी गंभीरता से नजर बनाए हुए है। कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में मिशन के प्रगति की समीक्षा करते हुए संबंधित विभाग और ठेकेदारों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

2 साल बाद भी अधूरे काम पर जताई नाराजगी 👇

जिले में जल जीवन मिशन की कुल 721 योजनाएं 706 ग्रामों में संचालित हैं, जिनमें से 255 गांवों में कार्य पूर्ण हो चुके हैं। जबकि 456 गांवों में दो साल बीतने के बावजूद अब भी 60-70% कार्य ही पूरे हो पाए हैं। इस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता को निर्देश दिए कि 201 अधूरे कार्यों को 30 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा किया जाए।

ठेकेदारों पर कार्रवाई के संकेत👇

कलेक्टर ने उन दो ठेकेदारों को चेतावनी दी है जिनके कार्य या तो बंद पड़े हैं या फिर अत्यंत धीमी गति से चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी किया जाए। साथ ही अगले माह इन ठेकेदारों की अलग से बैठक बुलाई जाएगी।

समूह जल प्रदाय योजना में भी धीमी प्रगति
जिले में साराडीह, कलमा और मिरौनी बैराज के जरिए चल रही तीन समूह जल आवर्धन योजनाओं के तहत 255 गांवों में जल आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इन योजनाओं की प्रगति भी मात्र 30-35% है। कार्यपालन अभियंता रमाशंकर कश्यप ने बताया कि इन योजनाओं में इन्टेक वेल, WTP, पाइपलाइन और MPR का कार्य जारी है, परंतु इसके पूरा होने की समयसीमा मई 2026 तक बताई गई है।

इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और सभी संबंधित ठेकेदारों को नोटिस जारी करने के साथ, निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

FTK किट, यूजर चार्ज और जल परीक्षण की व्यवस्था 👇

कलेक्टर ने निर्देश दिया कि जहां भी जल आपूर्ति का कार्य पूरा हो चुका है, वहां हर गांव में पांच महिला समूहों को FTK (फील्ड टेस्ट किट) प्रदान की जाए ताकि वे जल की गुणवत्ता की जांच कर सकें। इसके अलावा, 175 गांवों का सर्टिफिकेशन पूर्ण हो चुका है, जहां अब यूजर चार्ज ग्राम पंचायतों द्वारा वसूले जाएंगे।