ACB दवारा अवैध रूप से खोदे गड्डों के खिलाफ छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने उठाई आवाज, सौंपा ज्ञापन

कोरबा 16 फरवरी  कोरबा दीपका थाना क्षेत्र के ग्राम कसाईपाली में स्थित ACB दवारा अवैध रूप से खोदे गए है। इस गड्डे के वजह से 6 साल के मासूम किशन महिलांगे की मौत पर कार्यवाही हेतु छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने राज्यपाल के नाम आज ज्ञापन सौंपा है। जानकारी के अनुसार कोरबा दीपका थाना क्षेत्र के ग्राम कसाईपाली में ACB कंपनी का पॉवर प्लांट स्थित है,यहाँ एसीबी कम्पनी दुवारा निकलने वाला राखड ग्रामीण क्षेत्र,किसानों के जमीनों में गुंडागर्दी करके फेंका जा रहा है,आवाज़ उठाने वालो को एसीबी कम्पनी के गुर्गों द्वारा जान से मारने की धमकी देते हुए,कंपनी द्वारा दीपका थाना में बनावटी व झुठा FIR करवाया जाता है, ए.सी.बी.(ACB)पावर प्लांट कोरबा दीपका का सबसे प्रदूषित पावर प्लांट है,इससे निकलने वाला राखड़ को,आदिवासियों के खेती करने वाले जमीनों पर कम्पनी के द्वारा मनमाने तरीके से राखड़ फेंका जा रहा है जिससे यहां के लोगो को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है,खासकर बच्चे और बुजुर्गों पर मानो बीमारियों का कहर टूट पड़ा हो।यह कंपनी के मालिकों के द्वारा गुंडागर्दी करके गइ्डे निर्माण किया गया है,और उसका परिणाम आज ग्राम के छोटे छोटे मासूम बच्चों को अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ रही है,गाँव वालों के ऊपर कम्पनी का तानाशाही चरम सीमा से पार हो चुकी है,छह साल का मासूम किशन कुमार महिलांगे पिता संजय महिलांगे घर से निकल कर खेलते खेलते डेम जा पहुँचा,और अवैध रूप से स्थापित राखड़ डेम के लिए खोदे गए गडढे के नीचे गिरने के उपरांत बच्चे की घटना स्थल पर ही मौत हो गई,इस घटना की जितनी ज्यादा निंदा की जाए कम है,इस घटना के बाद दीपका थाना प्रभारी ने घटना स्थल का पंचनामा भी नही बनाया और ACB कंपनी से पैसा लेके मामले को रफा दफा कर दिया,पीड़ित परिवार को सरकार के द्वारा मुआवजा दिया जाएगा,इस घटना पर शासन प्रशासन को


तत्काल कार्यवाही कर एसीबी कम्पनी के ऊपर कार्यवाही कर कम्पनी को शासन दवारा सील कर देनी चाहिए/और इस तरफ़ के अवैध काम को जिला प्रशासन और पर्यावरण संरक्षण मंडल कोरबा की मिली भगत से हो रहा है जो काफी निंदनीय है।
अतः आपसे निवेदन है,अवैध रूप से खोदे गए गड्ढे के लिए जिम्मेदार ACB कंपनी के मालिक वीरसेन सिह्, CEO अनिल शेरावत और GM संजय मालवीय, कर्मचारी मनोज सिंह,गोरे साह के विरुध्द धारा 302 और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर क़ानूनी कार्यवाही किया जाए।