हिमांचल प्रदेश । हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने तबाही मचा दी है. भारी बारिश के चलते सोमवार को कई जगहों पर भूस्खलन, सड़क धंसने और इमारतें गिरने की घटनाएं हुईं. अब तक बारिश से जुड़े हादसों में 39 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं, कई जगहों पर लोग लापता हैं और सैकड़ों सड़कें बंद हो गई हैं.
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के मुताबिक, पूरे राज्य में 259 सड़कें बंद हैं, जिनमें से मंडी जिले में 129 और सिरमौर में 92 रास्ते शामिल हैं. इसके अलावा, 614 ट्रांसफॉर्मर और 130 जलापूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं. शिमला के भट्टा कुफर इलाके में एक पांच मंजिला इमारत सोमवार सुबह कुछ ही सेकंड में भरभरा कर गिर गई. गनीमत रही कि जिला प्रशासन ने इमारत में रह रहे लोगों को पहले ही खाली करवा लिया था. हालांकि, पास की दो इमारतें अब खतरे की जद में हैं.
मंडी और सिरमौर सबसे ज्यादा प्रभावित👇

मंडी जिला सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जहां 139 सड़कें बंद हैं और 314 ट्रांसफॉर्मर ठप हैं. गोहर, मंडी-दो और जोगिंदर नगर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. मंगलवार सुबह मंडी के एक गांव में बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे कई लोग लापता हो गए. खोज और राहत कार्य जारी है.
स्कूलों में पानी, पढ़ाई ठप👇

बिलासपुर जिले के कुन्हमुझवाड़ सरकारी स्कूल में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे 130 से ज्यादा बच्चों को वापस घर भेजना पड़ा. उपप्रधानाचार्य श्याम लाल ने बताया कि स्कूल के कमरे घुटनों तक पानी से भरे थे और ज़मीन पर सिर्फ कीचड़ ही बचा था. इसी तरह, शिमला के जुंगा इलाके के एक प्राइमरी स्कूल को भी नुकसान पहुंचा है.
सड़कें बंद, ट्रैफिक जाम 👇

शिमला-चंडीगढ़ हाईवे पर कई जगह लैंडस्लाइड और पत्थर गिरने से ट्रैफिक को एक लेन पर डायवर्ट किया गया है, जिससे लंबा जाम लग गया. सोलन जिले के चक्की मोड़ और डेलगी में भी भारी भूस्खलन हुआ है. प्रशासन ने NHAI को 24 घंटे मशीनरी तैनात रखने के निर्देश दिए हैं.
IMD का अलर्ट जारी👇
आईएमडी ने शिमला, मंडी, सिरमौर और कांगड़ा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 6 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना जताई है. लोगों से अपील की गई है कि वे बिना ज़रूरत के यात्रा न करें और सरकारी अलर्ट पर नज़र रखें.