CG :महिला एवं बाल विकास विभाग में रेडी टू ईट के पॉयलट प्रोजेक्ट वाले जिलों में शुरू हुई प्रभार वाली संस्कृति! पूर्णकालिक डीपीओ का तबादला कर सूरजपुर में डीडब्ल्यूसीडीओ को डीपीओ का दिया प्रभार ,उठे सवाल ….

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज रायपुर -सूरजपुर -कोरबा -बलौदाबाजार । रेडी टू ईट की संचालन व्यवस्था आधा दर्जन जिलों में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत स्थानीय स्व सहायता समूहों को देने जा रही साय सरकार के महिला एवं महिला एवं बाल विकास विभाग ने ट्रांसफर नीति में चौकाने वाला फैसला करते हुए जहां रेडी टू ईट योजना के लिए चयनित आधा दर्जन जिलों में से 3 जिलों सूरजपुर,कोरबा एवं बलौदाबाजार में पूर्णकालिक डीपीओ (जिला कार्यक्रम अधिकारी ) का स्थानांतरण कर दिया ,वहीं अब इन जिलों में प्रभार वाली संस्कृति शुरू हो गई। तबादले के अंतिम दिवस विभागीय मंत्री के गृह जिले सूरजपुर में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी शुभम बंसल की प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर पदस्थापना कर दी गई है। वे वर्तमान में एमसीबी जिले में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के पद सेवाएं दे रहे थे। कोरबा एवं बलौदाबाजार जिले में फिलहाल सस्पेंस बरकरार है। अगर यहाँ भी प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति हुई तो विभाग पर रेडी टू ईट का संचालन शुरू होने से पहले कांग्रेस सरकार की तर्ज पर प्रभार वाली प्रथा को बढ़ावा देने वाला अनचाहा टैग लग जाएगा।

यहां बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने 30 जून को 7 जिला कार्यक्रम अधिकारियों का स्थानांतरण आदेश जारी है। जारी नवीन पदस्थापना आदेश में सूरजपुर ,महासमुंद ,बलौदाबाजार ,
कोंडागाँव ,कोरबा एवं बस्तर जिला प्रभावित हुआ है।सबसे बड़ी हैरानी कोरबा एवं बलौदाबाजार जिले में डीपीओ का तबादला तो कर दिया गया लेकिन डीपीओ की पदस्थापना नहीं की गई है। इन दोनों जिलों में डीपीओ की पदस्थापना को 2 साल हुए बिना ही ट्रांसफर से विभाग सुर्खियों में बना हुआ है। गौरतलब हो कि इनमें से 4 जिले सूरजपुर ,कोरबा,बलौदाबाजार एवं बस्तर शासन के रेडी टू ईट के पॉयलट प्रोजेक्ट वाले जिलों में शामिल हैं।इनके अलावा रायगढ़ एवं दंतेवाड़ा भी 6 जिलों में शामिल हैं। शासन ने इन आधा दर्जन जिलों में अपनी चुनावी जनघोषणा पत्र के मुताबिक स्थानीय स्व सहायता समूहों को परियोजना स्तर पर रेडी टू ईट संचालन(निर्माण एवं वितरण ) का दायित्व देने का निर्णय लिया है। समूह चयन की प्रक्रिया लगभग सभी जिलों में पूरी हो चुकी है। चयनित समूहों को कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं। अगस्त -सितंबर माह से चयनित स्व सहायता समूह परियोजना स्तर पर गाइडलाइंस अनुरूप मानव स्पर्श रहित स्वचलित रेडी टू ईट निर्माण का मशीन/यूनिट स्थापित कर उत्पादन शुरू कर देंगी। लेकिन इस बीच जहां इनमें से 3 जिलों सूरजपुर ,कोरबा एवं बलौदाबाजार में पूर्णकालिक डीपीओ का स्थानांतरण कर दिया गया हैं। वहीं इनमें से एक जिले सूरजपुर में जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर पदस्थापना से भाजपा शासनकाल में भी प्रभार वाली संस्कृति शुरू हो गई है।

एमसीबी जिले में पदस्थ महिला एवं बाल विकास अधिकारी शुभम बंसल की प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास सूरजपुर के पद पर 30 जून को ही पदस्थापना की गई है। वहीं पदस्थ पूर्णकालिक डीपीओ रमेश साहू को सचिव आयोग के पद पर पदस्थ कर जिले से छुट्टी कर गई है। जबकि कोरबा एवं बलौदाबाजार जिले अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। यहाँ भी कोरबा डीपीओ रेणु प्रकाश का कोंडागाँव तो बलौदाबाजार डीपीओ टिकवेंद्र जाटवर का महासमुंद जिला स्थानांतरण किया गया है। कोरबा डीपीओ का तो 4 साल के भीतर चौथी बार तबादले से विभाग की स्थानांतरण आदेश पर पहले से ही सवाल उठ रहे। अगर यहाँ भी प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति हुई तो विभाग पर रेडी टू ईट का संचालन शुरू होने से पहले कांग्रेस सरकार की तर्ज पर प्रभार वाली प्रथा को बढ़ावा देने वाला अनचाहा टैग लग जाएगा। जिसका वो कांग्रेस शासनकाल में विरोध करते आ रही है।

स्थानांतरण नीति के विरुद्ध हुआ तबादला !अंदरखाने क्या चल रही सस्पेंस बरकरार

शासन की प्रदेश की स्थानांतरण नीति में स्पष्ट नीति में स्पष्ट प्रावधान है कि 2 साल उपरांत ही शासकीय सेवकों का स्थानांतरण किया जाए। लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग ने 30 जून को जारी डीपीओ के नवीन पदस्थापना आदेश में इसकी अनदेखी कर दी। कोरबा में पदस्थ डीपीओ रेणु प्रकाश एवं सूरजपुर में पदस्थ डीपीओ रमेश साहू एवं बलौदाबाजार में पदस्थ डीपीओ टिकवेंद्र जाटवर को 2 साल भी नहीं हुए थे कि इनका तबादला कर दिया गया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है ।