कर्जदार किसान इस साल नहीं बेच पाएंगे अपना धान

नहीं मिला मुआवजा ,अर्जित भूमि पर कर रहे थे खेती ,भुईयाँ की पेंच में धान बेचने हो गए अपात्र

भुवनेश्वर महतो हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । धान खरीदी कार्य में पारदर्शिता लाने इस साल भुईयाँ पोर्टल से गिरदावली को लिंक करने की व्यवस्था शुरूआती दौर में ही किसानों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रही है । अर्जित गाँव में आने वाले दुरपा समिति के ग्राम सोनपुरी एवं सोनपुरी समिति के रिसदी (देबू )के किसान इस साल अपना एक भी दाना धान नहीं बेच पाएंगे । वर्षों से अर्जित भूमि को प्रबंधन द्वारा मुआवजा वितरण कर भौतिक रूप से अपने आधिपत्य में नहीं लिए जाने की वजह से खेती करते आ किसानों का खसरा नंबर भुईयाँ पोर्टल में एसईसीएल के नाम पर दर्ज बताए जाने की वजह से प्रशासन भी इस व्यवस्था के आगे लाचार है ।

राज्य शासन इस साल भी 2500 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य की दर से धान खरीदी करेगी । नवम्बर के दूसरे पखवाड़े या 1 दिसम्बर से धान खरीदी किए जाने की तैयारी चल रही है । राज्य शासन ने इस साल धान खरीदी को पारदर्शिता पूर्ण बनाने इस साल पटवारियों द्वारा सत्यापित गिरदावली को भुईयाँ पोर्टल से लिंक कर किसान पंजीयन करने का निर्णय लिया है । जिसके तहत 31 अक्टूबर तक किसान पंजीयन किया जा रहा है । लेकिन यह कार्य शुरुआती दौर में समिति प्रबंधकों के साथ साथ किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। भुईयाँ पोर्टल में गिरदावली का डाटा लिंक करने की वजह से एसईसीएल द्वारा अर्जित भूमि पर वर्षों से खेती करते आ रहे किसान अपना धान नहीं बेच पाएंगे। जिले में इस तरह के दो मामले सामने आए हैं । पहला मामला दुरपा समिति के ग्राम सोनपुरी का है । यहाँ के 28 किसानों का भूमि एसईसीएल ने अधिग्रहित किया था। भू – अर्जन के 10 साल बाद भी किसानों को उक्त भूमि का मुआवजा नहीं मिला है । न ही एसईसीएल ने उक्त भूमि को भौतिक रूप से अपने आधिपत्य में लिया है । लिहाजा किसान अर्जित भूमि पर खेती करते आ रहे थे । ये पंजीकृत किसान हर साल समर्थन मूल्य पर समिति को धान भी बेच रहे थे । लेकिन इस साल भुईयाँ पोर्टल से किसान पंजीयन लिंक होने की वजह से किसानों का खाता होल्ड कर दिया गया है । दरअसल भुईयाँ पोर्टल और गिरदावली का डाटा मिलान होने के बाद ही इस साल पंजीयन अपडेट हो रहा है ।भुईयाँ पोर्टल से पंजीयन की वजह से जैसे ही पटवारी गिरदावली के आधार पर पोर्टल में खसरा नंबर की एंट्री कर रहे हैं वो अपग्रेडेशन में एसईसीएल की अर्जित भूमि प्रविष्ट हो रहा है । लिहाजा किसानों का पंजीयन नहीं पा रहा। परेशान किसान मन्द्राज सिंह ,होरी सिंह ,ध्रुव कुमार ,रामसिंह ,रायसिंह ,अंजोरसाय , रामसाय, भरत लाल ,शांति दास ,पंचराम पटेल ,स
असमनलाल ,मिठ्ठूराम ,हरप्रताप सिंह ,अन्नुराम ,गुहादास ,गनपत लाल बीरसिंह ,फिरतराम एवं गेंदराम ने इस समस्या को लेकर कलेक्टर तक से गुहार लगाई है । पर भुईयाँ पोर्टल की पेंच में प्रशासन भी किसानों की मदद कर पाने में लाचार है ।

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कैसे चुकाएंगे डेढ़ लाख का कर्ज

सिस्टम की इस मार की वजह से किसानों पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है ,12 से अधिक किसानों पर डेढ़ लाख से अधिक का कर्ज है । साथ ही एसईसीएल ने मुआवजा भी नहीं दी है ऐसे में बिना धान बेचे किसान समिति के कर्जदार किसान हो जाएंगे । किसानों पर आर्थिक संकट बढ़ जाएगा।

देबू में भी किसान परेशान

दुरपा की ही तरह सोनपुरी समिति के ग्राम रिसदी के देबू में भी किसान इस साल परेशान हैं । वो भी अर्जित गांव में चला गया है । जहाँ किसान अर्जित भूमि के खसरा नंबर पर उपार्जित धान नहीं बेच सकेंगे । गत वर्ष यहाँ के किसानों पर 7 लाख का कर्ज था । समिति के पर्यवेक्षक जमाल खान के आग्रह पर प्रशासन ने किसी तरह उस कर्ज की वसूली करने उतनी ही मात्रा में धान खरीदी करने की अनुमति प्रदान की थी। इस साल समिति ने वहाँ के किसानों को कर्ज नहीं बांटा है । लिहाजा धान खरीदी नहीं करने पर भी समिति को नुकसान नहीं होगा।

वर्जन
पोर्टल में सुधार से ही संभव

किसानों की समस्या भुईयाँ पोर्टल में सुधार से ही संभव है । यह कार्य जिला स्तर से संभव नहीं है । भुईयाँ पोर्टल में अर्जित भूमि का खसरा नंबर एसईसीएल के नाम पर दर्ज है । लिहाजा नियमानुसार किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा। मुआवजा वितरण के संबंध में आवश्यक पहल करेंगे ।

रोहित सिंह तहसीलदार, कटघोरा

वर्जन
नहीं हो पा रहा पंजीयन

वर्जन भुईयाँ पोर्टल में पटवारियों द्वारा गिरदावली के आधार पर खसरा प्रविष्ट करने के दौरान एसईसीएल की अर्जित भूमि दर्शाए जाने की वजह से किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा ।किसानों को मुआवजा नहीं मिला है । उन्होंने समिति से कर्ज ले रखा है ।

रजक कुमार ,प्रबंधक दूरपा समिति