हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। दुर्लभ हिमालयीन पवित्र फूल ब्रम्हा कमल का दीदार सावन माह के पहले ही दिन जिले के कटघोरा विकासखण्ड के ग्राम डूमरमुड़ा गोपालपुर में हुआ है। यहाँ निवासरत प्यारेलाल कंवर के यहाँ शुक्रवार को ब्रम्हा कमल खिला। जिसे देखने पूरे ग्रामवासी प्यारेलाल कंवर के यहाँ पहुंच रहे। पूरा परिवार ब्रम्हा कमल खिलने से हर्षित हैं।

ब्रह्म कमल, जिसे “ब्रह्म का कमल” भी कहा जाता है, एक दुर्लभ और पवित्र फूल है जो हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह फूल रात में खिलता है और सूर्यास्त के बाद ही इसके खिलने का नजारा देखने को मिलता है।
ब्रह्म कमल की कुछ प्रमुख खासियतें:👇

👉धार्मिक महत्व:इसे हिन्दू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और इसे देवताओं का प्रिय फूल माना जाता है।
👉फूल का खिलना:ब्रह्म कमल का फूल सूर्यास्त के बाद खिलता है और सुबह तक खिला रहता है।
👉औषधीय गुण:ब्रह्म कमल में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जैसे कि सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने के गुण।
👉आर्थिक लाभ:कुछ लोगों का मानना है कि ब्रह्म कमल को घर में लगाने से आर्थिक तंगी दूर होती है और सुख-समृद्धि आती है।
👉भाग्य का प्रतीक:ब्रह्म कमल को भाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
👉दुर्लभता:यह फूल बहुत ही दुर्लभ है और इसे आसानी से नहीं पाया जा सकता है।
👉संरक्षित प्रजाति:इसके औषधीय गुणों और सुंदरता के कारण, इसे संरक्षित प्रजाति में रखा गया है।
👉पौराणिक मान्यता:ब्रह्म कमल को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिनमें इसे भगवान ब्रह्मा से जोड़ा जाता है।
👉आकर्षण: इसके फूल की खुशबू बहुत ही मनमोहक होती है और इसे अरोमाथेरेपी में भी इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रह्म कमल एक ऐसा फूल है जो न केवल अपनी सुंदरता और सुगंध के लिए जाना जाता है, बल्कि धार्मिक, औषधीय और आर्थिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है।