कोरबा । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पिछले महीने की 12 जून को जिला जेल के समीप रिसदी रोड में 17 करोड़ की लागत से बने राज्य सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल कन्वेंशन हॉल का उद्घाटन किया था। 17 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन अहिल्याबाई होलकर कन्वेंशन हॉल का छज्जा गुरुवार रात भरभराकर गिर पड़ा, जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर गहरे सवाल उठ खड़े हुए हैं। यह प्रोजेक्ट जिला खनिज न्यास फाउंडेशन (DMFT) के तहत तैयार किया जा रहा है और इसे एक अत्याधुनिक सभा स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा था।

अब एक महीने के भीतर ही जुलाई में इस कन्वेंशन हॉल की सीलिंग गिर गई है।बताया जा रहा है कि लगभग 30 फीसदी हिस्सा पूरी तरह से ज़मीदोज़ हो गया है। जिससे निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। जिस कन्वेंशन हॉल का नामकरण रानी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर किया गया हो और जिसका उद्घाटन स्वयं प्रदेश के मुखिया ने किया हो। उसका एक हिस्सा महीने के भीतर ही ढह गया सबको हैरान कर रही । हाउसिंग बोर्ड के कार्यपालन अभियंता ने इसे छोटी क्षति बताते हुए कहा है की अधिक बरसात के कारण यह परिस्थिति निर्मित हुई है।।जल्द ही मरम्मत कर इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा।
सीएम विष्णु देव साय 12 जून को जब इस कन्वेंशन हॉल का उद्घाटन करने कोरबा आए थे। तब उन्होंने कहा था कि यह हॉल जनता को समर्पित किया जा रहा है। लोकार्पण के समय उन्होंने हाल में कन्वेंशन हॉल में वेंटिलेशन की जरूरत महसूस की एक और इसकी व्यवस्था के लिए अलग से राशि स्वीकृत करने की बात भी उन्होंने कही थी।।लेकिन यह काम शुरू होता, इसके पहले ही हाल की सीलिंग का हिस्सा बुरी तरह से ढह गया है।
लगभग 30 फीसदी हिस्सा गिरा👇


रानी अहिल्याबाई कन्वेंशन हॉल का लगभग 30 फ़ीसदी सीलिंग का हिस्सा पूरी तरह से जमीन पर गिर गया है। हॉल की बनावट और इसकी छत काफी फैली हुई है। इतने बड़े हॉल में फॉल सीलिंग लगाए जाने से पहले भी जानकारों ने सवाल उठाए थे। कन्वेंशन हॉल के ऊपर का हिस्सा टीन की शीट से ढका हुआ है। इस टीने के शीट के नीचे भीतर की तरफ फॉल सीलिंग लगाया गया था। यही सीलिंग अब ढह गई है। जिससे स्थानीय प्रशासन की किरकिरी हो रही है। इस हॉल के निर्माण में डीएमएफ के पैसे भी प्रयोग हुए हैं।
2016-17 में शुरू हुआ था निर्माण👇
इस कन्वेंशन हॉल का निर्माण लगभग वर्ष 2016-17 में शुरू हुआ था।तत्कालीन रमन सरकार में तत्कालीन कलेक्टर पी दयानंद के कार्यकाल में इसकी परिकल्पना की गई थी। जिसकी निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड है। हाउसिंग बोर्ड द्वारा काफी धीमी गति से इसका निर्माण किया गया। 2018 में जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी। तब इसका निर्माण लगभग पूरी तरह से रुक गया था। चूंकि यह पिछले भाजपा सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना थी। जहां लगभग 2000 लोगों के एक साथ मौजूद रहने की व्यवस्था है। इसलिए कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद जब 2024 में प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ता में लौटी। तब तेजी से काम पूरा करने के बाद इसका लोकार्पण सीएम द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन भी मौजूद रहे।

हादसे ने खोली निर्माण कार्य की पोल👇

स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसा रात के समय हुआ जिससे कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन घटना की भयावहता से यह स्पष्ट हो गया कि निर्माण कार्य में लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें हैं। मौके पर मलबा और टूटी बीमें देख स्थानीय प्रशासन और तकनीकी टीमों ने तत्काल निरीक्षण शुरू किया।
ननकी राम कंवर ने साधा निशाना👇

पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने इस हादसे को सीधे-सीधे भ्रष्टाचार का नतीजा बताया। उन्होंने कहा, “यह हादसा स्पष्ट रूप से निर्माण कार्य की बेहद निम्न गुणवत्ता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को दर्शाता है। यह बेहद राहत की बात है कि यह घटना लोकार्पण के दिन नहीं हुई, वरना जनहानि हो सकती थी।” उन्होंने मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों को बेनकाब और दंडित करने की बात कही।
राजनीतिक गलियारों में हलचल👇
इस घटना को लेकर सामान्य नागरिकों और स्थानीय संगठनों (Ahilyabai Holkar Convention Hal) में रोष है। सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर बड़ी कार्रवाई की मांग तेज़ हो गई है। अब नजरें प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है या मामला भी बाकी घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा।