नाराज आदिवासी किसान 1 मार्च से कलेक्टोरेट के सामने बैठेंगे भूख हड़ताल पर ,दिया अल्टीमेटम
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।जाँच प्रतिवेदन दिए जाने के बाद भी दोषी पटवारी के खिलाफ कार्यवाई नहीं करने से नाराज विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत सलिहाभांठा ,पकरिया के आदिवासी भू- स्वामी किसान 1 मार्च से कलेक्टोरेट के सामने भूख हड़ताल करेंगे। सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचकर ग्रामीणों ने इससे संबंधित ज्ञापन सौंपा है

यहाँ बताना होगा कि करतला विकासखण्ड के हल्का नम्बर 7 सलिहाभांठा , हल्का नंबर 8 पकरिया के आदिवासी ग्रामीणों ने 8 फरवरी को क्लेक्टरोरेट पहुंचकर फौती नामान्तरण काटने ,चौहद्दी बनाने , रजिस्ट्री प्रमाणीकरण ,रिकार्ड दुरुस्तीकरण के नाम पर पिछ्ले 2 साल से पदस्थ पटवारी विकास कुमार जायसवाल पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था । कलेक्टर को की गई शिकायत के आधार पर ग्रामीणों ने बताया था कि पटवारी ने ग्राम पंचायत सलिहाभांठा के आदिवासी किसान सत्यनारायण वरकरे से फौत काटने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की थी । प्रार्थी ने इतनी राशि देने में असमर्थता जताई व 2 हजार रुपए दिया जिसे पटवारी ने लेने से इंकार कर दिया था। साल भर तक सत्यनाराण अपने स्व पिता रामायण सिंह वरकरे के फौत नामांतरण के लिए भटकता रहा। इसी गांव में दिलवर वरकरे पिता मालिक वरकरे से 15 हजार रुपए की मांग की गई पैसा देने से जब प्रार्थी ने इंकार किया तो पटवारी ने रकबे की ऑनलाइन प्रविष्टि नहीं की। जिसके कारण प्रार्थी शासन को अपना धान नहीं बेच सका । लक्ष्मण सिंह पिता अनंद सिंह गोंड से फौत प्रमाणीकरण के नाम पर 10 हजार रुपए की मांग की गई थी । प्रार्थी ने इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताते हुए 1 हजार रुपए देना चाहा तो पटवारी ने नहीं लिया। सलिहाभांठा के ही प्रार्थी कन्हैयालाल महतो से रजिस्ट्री प्रमाणीकरण के लिए 5 हजार रुपए लेने के एक साल बाद प्रमाणीकरण किया गया। प्रार्थी सम्मेलाल यादव से जमीन की चौहद्दी बनाने के नाम पर 5 हजार रुपए लिया गया। प्रमाणीकरण के नाम पर भी 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई । रिश्वत नहीं देने पर आज एक बीतने के बाद भी प्रमाणीकरण नहीं किया गया है । ग्राम पंचायत पकरिया के उप सरपंच रमेश सिंह पटेल पिता चैतू से रिकार्ड दुरुस्तीकरण के नाम पर 10 हजार रुपए लिया गया। नर्मदा प्रसाद पिता लक्ष्मण पटेल से चौहद्दी के लिए 5 हजार रुपए पटवारी ने ले लिया । रिश्वरखोर पटवारी ने ग्राम के सरपंच को भी नहीं बख्शा । सरपंच वेद प्रकाश सिंह कंवर से फौती नामांतरण के लिए 5 हजार रुपए की मांग की गई थी । राशि नहीं देने पर 4 से 5 दिन घुमाया गया। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने 8 फरवरी को कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर से की थी। कलेक्टर के निर्देश पर जांच टीम गठित की गई थी । सहायक अधीक्षक भू -अभिलेख सह नजूल अधिकारी हरिशंकर यादव के साथ राजस्व निरीक्षक खिलेश्वर लकड़ा को जांच दल में शामिल किया गया था । जांच दल ने शिकायतकर्ताओं को सूचित कर शुक्रवार को जांच के लिए ग्राम पंचायत भवन पकरिया पहुंची। यहाँ दोनों ग्राम के शिकायतकर्ता नियत समयावधि पर मौजूद थे । नजूल अधिकारी के समक्ष 7 शिकायतकर्ताओं सहित 23 अन्य ग्रामीणों ने अपना बयान दर्ज कराया था । जिसमें ग्रामीणों ने पटवारी का अन्यत्र स्थानांतरण कर उचित कार्यवाई किए जाने की बात कही थी । जांच अधिकारी ने प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाई हेतु सक्षम अधिकारी की ओर जांच दिवस के दूसरे दिन ही प्रस्तुत कर दिया है ।लेकिन प्रकरण में आज पर्यंत कार्यवाई नहीं हुई है । जिससे नाराज ग्रामीणों ने सोमवार 22 फरवरी को कलेक्टोरेट पहुँचकर पुनः ज्ञापन सौंपा है । जिसमें आदिवासी किसानों ने पटवारी को 28 फरवरी तक हटाए जाने निलंबित किए जाने की बात कही है । कार्यवाई नहीं होने की सूरत में आदिवासी किसानों ने 1 मार्च से कलेक्टोरेट के सामने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है । जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी । ज्ञापन की प्रतिलिपि एसडीएम कोरबा ,एवं रामपुर चौकी प्रभारी को दी गई है ।

अधीक्षक भू अभिलेख की भूमिका पर उठाए सवाल –
शिकायतकर्ताओं ने प्रभारी अधीक्षक भू -अभिलेख सुश्री भूपेंद्र बंजारे के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं । किसानों ने आरोप लगाया है कि जाँच प्रतिवेदन देने के बाद भी प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख सुश्री बंजारे आवश्यक कार्यवाई की अनुशंसा के साथ सक्षम अधिकारी को प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर रही हैं। उन्होंने इस मामले में प्रभारी अधीक्षक भू-अभिलेख की भूमिका सन्दिग्ध बताया है । शिकायतकर्ताओं के मुताबिक अधीक्षक भू – अभिलेख पटवारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की मौके पर पहुंचकर स्वयं जांचकर संतुष्ट होने के उपरांत ही जांच प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाई के सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगी । किसानों के मुताबिक पटवारी को बचाने यह सब किया जा रहा है ।
समान शिकायत में वन विभाग के बीट गार्ड के खिलाफ हो चुकी है कार्यवाई
शासकीय कार्यों के एवज में ही रिश्वत लेने के दूसरा मामला भी 8 फरवरी को सामने आया था । जहाँ कटघोरा वनमण्डल के अंतर्गत आने वाले ग्राम रामाकछार एवं तेलसरा में रहने वाले राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो से बीट गार्ड भीमसिंह पटेल ,एवं सविता पटेल द्वारा वन भूमि दावा पत्रक बनवाने के नाम पर उनसे रिश्वत ली गई थी। एकता परिषद के जिला समन्वयक राम सिंह उईके के नेतृत्व में पहुंचे पंडों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी । मामला मीडिया में प्रमुखता से उजागर होने एवं जांच प्रतिवेदन के आधार पर डीएफओ शमा फारुखी ने बीट गार्ड को एक सप्ताह पूर्व ही निलंबित कर दिया है । जबकि राजस्व विभाग कार्यवाई के बजाए अपने अधीनस्थ दोषी पटवारी को प्रश्रय दे रहा है ।