उपराष्ट्रपति पद के लिए बैस का का नाम सुझाए जाने पर कांग्रेस के भीतर मचा सियासी बवाल ,बैज की चिट्ठी से पार्टी के नेताओं ने साधी चुप्पी,सुझाव निजी या पार्टी का सस्पेंस बरकरार……

रायपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश बैस को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी माहौल गर्मा गया है। यह मांग प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा की गई है, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर रमेश बैस का नाम सुझाया है।

बैज ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि रमेश बैस सात बार सांसद रहे हैं और तीन राज्यों के राज्यपाल के तौर पर कार्य कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि यदि बैस को उम्मीदवार नहीं बनाया जाता तो छत्तीसगढ़ के किसी अन्य नेता को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए।

पार्टी में असहजता, नेता बोले- “कोई टिप्पणी नहीं”👇

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की इस चिट्ठी ने पार्टी के भीतर असहजता पैदा कर दी है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस विषय पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे इस पर हैरान हैं, लेकिन फिलहाल कुछ नहीं कहना चाहते।

चिट्ठी हाईकमान की सहमति से या निजी राय?👇

यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दीपक बैज ने यह पत्र पार्टी हाईकमान के निर्देश पर लिखा है या यह उनकी व्यक्तिगत पहल है। इस अस्पष्टता ने कांग्रेस के भीतर भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है, क्योंकि आमतौर पर इस तरह के मुद्दों पर पार्टी की राय एकसमान होती है।

भाजपा की प्रतिक्रिया👇

इस मुद्दे पर कृषि मंत्री और भाजपा नेता रामविचार नेताम ने तंज कसते हुए कहा कि, “बैज के पत्र से ऐसा लगता है कि कांग्रेस के पास उपराष्ट्रपति पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं बचा है। कांग्रेस ने अब पूरी तरह सरेंडर कर दिया है।”

बहरहाल, दीपक बैज की इस चिट्ठी ने एक ओर जहां राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है, वहीं कांग्रेस पार्टी के भीतर एक अंतर्विरोध को भी उजागर कर दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि पार्टी हाईकमान इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है, और क्या दीपक बैज को इस कदम के लिए समर्थन मिलेगा या फटकार।