कोरबा । कटघोरा निवासी 24 वर्षीय तौसीफ मेमन नामक युवक और एक हिंदू युवती द्वारा विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विवाह के लिए आवेदन देने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस प्रकरण में हिंदू जागरण मंच, युवती की मां और राजपूत क्षत्रिय समाज ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। प्रशासनिक स्तर पर मामला गंभीर होते हुए अब पुलिस जांच के दायरे में आ गया है।
विवाद का कारण 👇
विवाह के लिए दिए गए आवेदन पर नियमानुसार जब इश्तेहार प्रकाशित किया गया, तब युवती के परिवार और कुछ संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए दावा किया कि, तौसीफ मेमन एक रोहिंग्या मुसलमान है। उसका संबंध उत्तर प्रदेश के कथित धर्म प्रचारक जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा से बताया गया है, जो पूर्व में भी विवादों में रह चुका है। युवती का नाम बिना किसी विधिक प्रक्रिया के “सोना मेमन” के रूप में विवाह प्रमाणपत्र में दर्शाया गया है, जिसे फर्जीवाड़ा बताया गया है।
जबरन सहमति का आरोप👇
आरोप यह भी लगाया गया कि युवती को कोलकाता ले जाकर दबाव में सहमति दिलाई गई, जिसे बिलासपुर हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया है। संगठनों का आरोप है कि न्यायिक प्रक्रिया और विशेष विवाह अधिनियम का दुरुपयोग कर एक सुनियोजित साजिश के तहत यह विवाह कराया जा रहा है।
हिंदू संगठनों का विरोध👇
हिंदू जागरण मंच सहित अन्य संगठनों ने इस विवाह को “लव जिहाद” और “सांस्कृतिक षड्यंत्र” की संज्ञा दी है। उन्होंने इसे रोकने और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इसके तहत, अपर कलेक्टर व विवाह अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। प्रशासन और न्यायालय को गुमराह करने की कोशिश का आरोप लगाया गया।
जांच के आदेश👇
मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर कलेक्टर और विवाह अधिकारी ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पत्र जारी कर तौसीफ मेमन और प्रस्तुत दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच के निर्देश दिए हैं।
स्थिति पर नजर👇
फिलहाल विवाह पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा दस्तावेजों की जांच की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। प्रशासन इस संवेदनशील मामले में सतर्कता और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कदम उठा रहा है।