CG : शासन के आदेश की उड़ी धज्ज्जियाँ, स्कूल से सीधे कोर्ट में संलग्नीकरण ,दोषपूर्ण व्यवस्थाओं पर शिक्षा विभाग की मौन स्वीकृति! देखें आदेश …..

कोरबा -बलरामपुर । संलग्नीकरण की दोषपूर्ण व्यवस्था समाप्त करने के छत्तीसगढ़ शासन के लिखित फरमान के बावजूद छत्तीसगढ़ में पर्दे के पीछे संलग्नीकरण का खेल जारी है। स्कूल में पदस्थ शिक्षक को सीधे कोर्ट में अटैच करने का खेला शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर कर दिया गया है। आकांक्षी जिला कोरबा से लेकर बलरामपुर जिले में शिक्षकों के अटैचमेंट को लेकर हाल के दिनों में जारी हुए कुछ आदेश चर्चा में बने हुए हैं। हालांकि ये सिर्फ कोरबा की समस्या नहीं है। पूरे प्रदेश में यही हाल है, जहां अपनी-अपनी पहुंच के आधार पर शिक्षक अटैच किये जा रहे हैं।

प्राप्त जानकारी अनुसार 17 जुलाई 2025 को अपर कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश में सहायक शिक्षक एलबी राजेंद्र कुमार को अपर कलेक्टर के कोर्ट में अटैच कर दिया गया है। पाली ब्लाक के प्राथमिक शाला छिंदपानी में पदस्थ राजेंद्र कुमार को अपर कलेक्टर के कोर्ट में काम करने का निर्देश जारी किया गया है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पिछले करीब डेढ़ दशक के सेवाकाल में शिक्षक राजेन्द्र कुमार अजय ने अधिकांश समयावधि कलेक्टोरेट कार्यालय कोरबा के इस शाखा में ही अटैचमेन्ट में गुजारे हैं।

वहीं एक अन्य आदेश कोरबा विकासखंड से जारी हुआ है, जहां प्राथमिक शाला गोढ़ी में शिक्षक की कमी की वजह से शिक्षिका त्रिवेणी महंत को शिक्षा व्यवस्था के तहत आदेशित किया गया है। दरअसल प्राथमिक शाला गोढ़ी में दो शिक्षिका सलमा बानो और चंपा निराला पदस्थ है। लेकिन स्वास्थ्यगत वजहों से दोनों को छुट्टी दे दी गई है। ऐसे में गोढ़ी स्कूल में शिक्षक की कमी हो गयी है, जिसके बाद अब शिक्षिका त्रिवेणी महंत को अटैच किया गया है।

बलरामपुर में भी हुआ था खेला ,बीईओ के संलग्नीकरण हटाए जाने के आदेश को डीईओ ने कर दिया था निरस्त 👇

संलग्नीकरण की यह दोषपूर्ण व्यवस्था आकांक्षी जिला कोरबा तक सीमित नहीं है , बलरामपुर जिले में भी इसी तरह की दोषपूर्ण आदेश की चर्चा है। कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी वाड्रफनगर बलरामपुर -रामानुजगंज (छ.ग.) द्वारा पत्र क्रमांक 1247 दिनांक 20.06.2025 को एक शिक्षक का संलग्नीकरण आदेश समाप्त करते हुए मूल शाला के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया था। बीईओ कार्यालय से जारी आदेश में उल्लेख किया गया था कि छत्तीसगढ़ शासन ,सामान्य प्रशासन विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर के पत्र क्रमांक /File No.Rule -3017/2/2025 -GAD-6 नया रायपुर दिनांक 05 .06.2025 एवं संभागीय संयुक्त संचालक ,शिक्षा सरगुजा संभाग अंबिकापुर का पत्र क्रमांक /1258 /स्था.
सं.संचा ./2025-26 अंबिकापुर दिनांक 06.06.2025 तथा जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर -रामानुजगंज (छ.ग.) के पत्र क्रमांक /5455 /स्था -02 /स्कूल शिक्षा /2025 -26 रामानुजगंज दिनांक 06 .06.2025 के पत्रानुसार श्री देवमूरत पटेल ,व्याख्याता संलग्न हाईस्कूल महेवा ,विकासखण्ड -वाड्रफनगर को उनके मूल पदस्थ संस्था उ.मा.वि. विजयनगर ,विकासखण्ड रामचंद्रपुर ,जिला -बलरामपुर -रामानुजंगज (छग)हेतु कार्यमुक्त किया जाता है।

हैरान करने वाली बात तो यह रही कि इस आदेश को जारी हुए पखवाड़े भर भी नहीं हुए थे कि कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर -रामानुजंगज (छग) ने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 6421 दिनांक 03 /07-2025 के माध्यम से बीईओ कार्यालय के उक्त आदेश को ही निरस्त कर श्री देवमूरत पटेल ,व्याख्याता को नियमित व्याख्याता की पदस्थापना होने तक कार्य संपादन हेतु यथावत कर दिया था।इसके पीछे की वजह संबंधित संबंधित विद्यालय में नियमित व्याख्याता का अभाव बताया गया था। लेकिन संलग्नीकरण समाप्त किए जाने के आदेश के पखवाड़े भर के भीतर अचानक आदेश निरस्त करने के पीछे किसी विशेष प्रभाव का होना बताया गया था।
हालांकि संबंधित विद्यालय में नियमित व्याख्याता की पदस्थापना हुई कि नहीं ,संबंधित शिक्षक पुनः मूल शाला के लिए कार्यमुक्त हुए कि नहीं इस बात की पुष्टि अभी डीईओ कार्यालय से संपर्क स्थापित नहीं होने पर नहीं हो पाई है। लेकिन संलग्नीकरण का यह दोनों आदेश खूब वायरल हो हुआ । विभाग की नीति नियत पर सवाल उठ रहे ।

अवर सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने संलग्नीकरण समाप्त करने जारी किया था आदेश 👇

गौरतलब हो कि अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय महानदी भवन,नवा रायपुर अटल नगर के कार्यालयीन पत्र क्रमांक एफ -02-06/2014 /20 -2 (तीन ) नवा रायपुर अटल नगर दि.28/02 /2024 के तहत गैर शैक्षणिक कार्यों में संलग्न शिक्षक संवर्ग के कर्मचारियों को उनके मूल पदस्थापना स्थल हेतु कार्यमुक्त किए जाने आदेश जारी किया जा चुका है। उक्त आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किए जाने संचालक लोक शिक्षण
संचालनालय ,इंद्रावती भवन ,नवा रायपुर अटल नगर ,समस्त संभागायुक्त , समस्त कलेक्टर ,समस्त जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी किए गए थे। जिसकी धज्जियां उड़ाई जा रही है।

विकास राजपूत ने जताया विरोध👇

इधर, संलग्नीकरण को लेकर शिक्षक संगठनों में नाराजगी देखी जा रही है। नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत ने कहा है कि युक्तियुक्तकरण करने के बाद भी एक तरफ पुरे प्रदेश मे शिक्षकों की कमी अभी भी कई शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय व दर्ज संख्या के अनुसार कम शिक्षक पदस्थ है वही दूसरी ओर शिक्षा विभाग व अन्य विभाग द्वारा शिक्षकों को पढ़ाने के कार्य से अलग कर अन्य गैर शैक्षणिक कार्यों मे संलग्न कर ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलो के बच्चो को गुणवत्ता पूर्वक पढ़ाई से वंचित कर बच्चो के साथ अन्याय कर रहे है साथ ही मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान को असफल करने का प्रयास कर रहे है कोरबा कलेक्टर का एक शिक्षक को अपने कार्यालय मे संलग्न करने का आदेश एक उदाहरण है शासन अगर सच मे शिक्षा मे गुणवता लाना चाहता है तो शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखना जरूरी है शासन को चाहिए की अन्य कार्यालयों मे संलग्न सभी शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त कर शिक्षकों को स्कूली बच्चो को पढ़ाने कार्य मे लगाना चाहिए जिससे शिक्षा मे गुणवत्ता लाया जा सके।