रक्षाबंधन पर ट्रेन की एसी कोच से रहस्यमयी ढंग से गायब हुई अर्चना तिवारी की आरक्षक ने कराई थी टिकट बुक,पुलिस ने किया गिरफ्तार ….

मध्यप्रदेश। जमीन खा गया या निगल गया आसमान , आखिर ट्रेन में यात्रा के दौरान बीच रास्ते से कहां गायब हो गयी है अर्चना तिवारी ?लापता होने के इस सनसनीखेज मामले ने अब एक नया और गंभीर मोड़ ले लिया है। जांच में पुलिस को जानकारी मिली है वह चौंकाने वाली है। जानकारी के मुताबिक़ अर्चना तिवारी के ट्रेन का टिकट एक पुलिस आरक्षक ने बुक किया था।

हिरासत में आरोपी आरक्षक👇

आरक्षक का नाम राम तोमर है। वह फ़िलहाल ग्वालियर के भंवरपुर थाने में पदस्थ है। संभवतः लापता होने से पहले अर्चना इस राम तोमर नाम के आरक्षक के सम्पर्क में थी। पुलिस ने राम तोमर को हिरासत में ले लिया और उससे सख्ती से पूछताछ की जा रही है। उम्मीद जताई जा रही हैं कि जल्द ही अर्चना तिवारी का यह मामला सुलझा लिया जाएगा।

गुमशुदगी या मानव तस्करी👇

दूसरी तरफ अर्चना के परिजनों ने इस पूरे घटनाक्रम को केवल गुमशुदगी का मामला मानने से इनकार करते हुए इसे मानव तस्करी से जोड़कर जांच की मांग की है। अर्चना तिवारी 7 अगस्त को इंदौर से कटनी लौट रही थीं। वह नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से सफर कर रही थीं और उनका मोबाइल फोन आखिरी बार नर्मदापुरम रेलवे ब्रिज के पास लोकेट हुआ था जिसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं मिल सका है।

किसी साजिश की शिकार हुई अर्चना?👇

परिजनों का कहना है कि यह केवल सामान्य गुमशुदगी नहीं बल्कि एक सुनियोजित साजिश है। अर्चना के बड़े पापा प्रकाश तिवारी बाबू ने दावा किया है कि कुछ तस्कर उसे ट्रेन के जरिए बड़े शहरों की ओर ले गए हैं, और अब मामले की जांच को मानव तस्करी के एंगल से किया जाना जरूरी है। उन्होंने यह भी मांग की है कि पूरे मामले को सीबीआई को सौंपा जाए ताकि निष्पक्ष और गहन जांच हो सके। अर्चना के चाचा राजू तिवारी ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की अपील की है।

अर्चना की सलामती के लिए शुरू हुआ पूजा-पाठ का दौर👇

इधर अर्चना की सकुशल वापसी के लिए परिजनों द्वारा घर पर लगातार महामृत्युंजय मंत्र का जाप कराया जा रहा है। परिवार पूरी तरह से व्याकुल है और किसी चमत्कार की आस लगाए बैठा है। परिजन इस बात पर अड़े हैं कि यह सिर्फ एक लापता लड़की का केस नहीं, बल्कि मानव तस्करी का गंभीर मामला है जिसे लेकर प्रशासन और जांच एजेंसियों को गंभीरता से कदम उठाना चाहिए। फिलहाल स्थानीय पुलिस द्वारा जांच जारी है लेकिन परिजनों का आरोप है कि अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसीलिए परिजन चाहते हैं कि अब मामला सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसी को सौंपा जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके और अर्चना को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाया जा सके।