KORBA :एक दशक बाद किराए के भवन से मिली आजादी ,बाल संप्रेक्षण गृह स्वयं के कोहड़िया स्थित सर्वसुविधायुक्त भवन में शिफ्ट ,कलेक्टर ,डीपीओ की पहल से 51 अपचारी बच्चों को बेहतर वातावरण में मिलेंगी सर्व सुविधाएं

कोरबा । कलेक्टर अजीत वसंत की दृढ़ इच्छाशक्ति एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश के अथक प्रयासों से संचालन समयावधि एक दशक से भी अधिक समय से स्वयं के एक अदद भवन के लिए तरस रहे बाल संरक्षण गृह को आखिरकार कोहड़िया में सर्वसुविधायुक्त स्वयं का भवन मिल गया । सुरक्षा एवं सुविधाओं की दृष्टि से उपयुक्त भवन महिला एवं बाल विकास विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है। इसके साथ ही नए भवन में संचालन शुरू हो गया है। प्रशासन की इस पहल से जहां विभाग को किराए के तंग भवनों से आजादी मिल गई है वहीं महकमे ने भी राहत की सांस ली है। जहाँ रखे गए 51 अपचारी बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

यहाँ बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरबा ,रायपुर ,दुर्ग बिलासपुर ,अंबिकापुर ,जगदलपुर ,
राजनादगांव ,
जशपुर ,रायगढ़ समेत अन्य जिलों में बाल संप्रेक्षण गृह का संचालन किया जा रहा है। इनमें जगदलपुर व राजनांदगांव में बालिकाओं के लिए संप्रेक्षण गृह तो शेष जिलों में बालकों के लिए संप्रेक्षण गृह का संचालन किया जा रहा है । विधि से संघर्षरत अंडर ट्रायल बच्चों को किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर सुधारात्मक उपचार के लिए बाल संप्रेक्षण गृह में रखा जाता है। कोरबा जिले में पिछले एक दशक वित्तीय वर्ष 2015-16 से बाल संप्रेक्षण गृह संचालित है। जिसमें 2016 -17 से बच्चे आए। लेकिन संचालन वर्ष से लेकर अब तक बाल संप्रेक्षण गृह को स्वयं का सुविधायुक्त भवन नहीं मिल सका था। दादरखुर्द के किराए के भवन से बाल संप्रेक्षण गृह की शुरुआत हुई ,लेकिन कुछ सालों बाद भी सुविधाओं का अभाव एवं सुरक्षा की दृष्टि से विभाग ने रिसदी में पुनः किराए के भवन की तलाश कर संचालनन शुरू कर दिया । लेकिन यहाँ भी पिछले 7 -8 सालों से सुविधाओं एवं सुरक्षा की कमी महसूस की जा रही थी। दर्जनों मर्तबा यहाँ बच्चे सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर भाग निकलते थे। हालांकि सुखद पहलू यह रहता था कि अपचारी बच्चे अपने अभिभावकों के पास ही भावनात्मक लगाव वश जाते थे। जिन्हें पुनः परिजनों के यहाँ से सकुशल बरामद कर समझाइश देकर संप्रेक्षण गृह में रखा जाता था। लेकिन समय समय पर घटित इन घटनाओं से संबंधित विभाग सहित जिला प्रशासन की चिंता बढ़ जाती थी। कोरबा में बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन की महती आवश्यकता को देखते हुए जिला प्रशासन ने कोहड़िया के समीप जिला खनिज न्यास मद से लगभग 08 करोड़ रूपये की लागत से बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन का निर्माण कराया गया था। नगर निगम के कोहड़िया स्थित जल उपचार संयंत्र के पीछे स्थित बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2021 में पूर्ण कर लिया गया था। उक्त भवन तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं कराया गया था, परिणाम स्वरूप भवन का उपयोग नहीं हो पा रहा, जिसके कारण असामाजिक तत्वों के द्वारा भवन में लगे दरवाजे, खिड़की, फाल्स सीलिंग, विद्युत फिटिंग व संबंधित सामग्री, सेनेटरी सामग्री, टाईल्स आदि उखाड़कर चोरी कर लिए गए थे, भवन खंडहर स्थिति में पहुंचने की कगार पर था। इसके साथ ही वहॉं पर विभिन्न सुविधाओं का अभाव भी था, जिसके चलते वहॉं पर विभाग सुरक्षा एवं सुविधाओं की दृष्टि से उक्त भवन को हैंडओवर नहीं ले रहा रहा।महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) रेणु प्रकाश ने उक्त कमी एवं बाल संप्रेक्षण गृह के किराए के भवन में संचालन के दौरान आ रही दिक्कतों को कलेक्टर अजीत वसंत के समक्ष प्राथमिकता से रखा। विभागीय उच्च अधिकारियों को भी इससे अवगत कराया था।
कलेक्टर अजीत वसंत ने उक्त विषय को संज्ञान में लेते हुए नगर निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय के साथ स्थल का निरीक्षण किया, भवन की स्थिति को देखा तथा उन्होने भवन का मरम्मत करने, मुख्य मार्ग से भवन तक सड़क का निर्माण कराने, पार्किंग शेड, वेटिंग हाल, स्ट्रीट लाईट व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए, इसके साथ ही कलेक्टर श्री वसंत ने प्रमुख कार्यो हेतु जिला खनिज न्यास मद से अतिरिक्त स्वीकृति भी प्रदान की। आयुक्त आशुतोष पण्डेय ने इस पर तत्काल कार्यवाही प्रारंभ कराई तथा कार्यो की लगातार मानिटरिंग करते हुए कार्यो को तीव्र गति दी, जिसके परिणाम स्वरूप बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन का मरम्मत व सुधार कार्य पूरा करने के साथ ही सड़क का निर्माण का कार्य पूर्ण किया गया एवं भवन में सभी आवश्यक सुविधाओं से जुड़े कार्यो को त्वरित रूप से पूरा कराया गया, अब कोरबा के बाल सम्प्रेक्षण गृह को उक्त भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है तथा वह अपने स्वयं के सर्वसुविधायुक्त भवन में संचालित हो रहा है।

👉 विभिन्न सुविधाओं से परिपूर्ण है भवन

    उक्त नवनिर्मित बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन में बच्चों के आवास के साथ-साथ बच्चों के लिए क्लास रूम, आडियो/वीडियो कक्ष, कम्प्यूटर लैब, किचन, मेस, डायनिंग कक्ष, कन्सलटेंट कक्ष, बच्चों के लिए चिकित्सा सुविधा, बाल सम्प्रेक्षण गृह के वार्डन के लिए आवासगृह, पानी बिजली, शौचालय आदि की पर्याप्त व्यवस्था आदि से जुड़ी सुविधाएं भवन में की गई है।

👉 किराये के भवन से मिली मुक्ति

    महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा की उपसंचालक श्रीमती रेणु प्रकाश ने कहा कि अब हमारे बाल सम्प्रेक्षण गृह को किराये के भवन से मुक्ति मिल गई है, बर्षो से बाल सम्प्रेक्षण गृह किराये के भवन में संचांलित होता था, जगह की कमी रहती थी, परिणाम स्वरूप बच्चों के विकास एवं उनके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियॉं समुचित रूप से संचालित नहीं हो पा रही थी किन्तु अब स्थिति बदल चुकी है, बाल सम्प्रेक्षण गृह भवन प्रदूषण से मुक्त एवं खुले स्थान पर बना है, भवन मेंं पर्याप्त जगह है, जहॉं पर बच्चों के विकास व शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न गतिविधियॉं अब समुचित रूप से संचालित हो सकेंगी।

👉रखे गए हैं कोरबा ,जांजगीर जिले के 51 अपचारी बच्चे ,मिल रही बेहतर सुविधाएं

बाल संप्रेक्षण गृह कोरबा में वर्तमान में 51 अपचारी बच्चे सुधारात्मक उपचार हेतु रखे गए हैं। इनमें कोरबा समेत जाजंगीर जिले के भी बच्चे शामिल हैं। नए भवन में इन अपचारी बच्चों के लिए रहने खाने की बेहतर व्यवस्थाओं के साथ पर्याप्त सुविधाएं हैं। जैसे शौचालय ,बेहतर हवा निकासी( वेंटिलेशन ),रोशनीदार ,डाइनिंग रूम ,खेल कक्ष आदि सुविधाएं हैं।