कोरबा। एसईसीएल की दीपका परियोजना खदान विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के वर्षो पश्चात अब।प्राप्ति के लिए सर्वे, नापी के संबंध में एसडीएम द्वारा पुलिस अधिकारी को जारी पत्र से खलबली मच गई है। हरदीबाजार क्षेत्र के भूविस्थापितों में आक्रोश व्याप्त हो गया है और इस पत्र को निरस्त करने की मांग करते हुए सवाल उठाए जाने लगे हैं।
एस.ई.सी.एल. दीपका परियोजना द्वारा अनुविभाग पाली अंतर्गत ग्राम हरदीबाजार, प.ह.नं. 15, रा.नि.मं. हरदीबाजार, तहसील हरदीबाजार, जिला कोरबा (छ.ग.) स्थित भूमियों का अधिग्रहण वर्ष 2004 एवं 2010 में किया गया है। वर्तमान में एस.ई.सी.एल. दीपका परियोजना द्वारा अधिग्रहित ग्राम हरदीबाजार स्थित भूमियों एवं उन पर स्थित परिसम्पत्तियों के सर्वे का कार्य किया जाना है। सर्वे के दौरान आपात स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकतानुसार पुरुष एवं महिला बल उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में पाली एसडीएम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कटघोरा को पत्र लिखा है।
👉 इधर,सासंद प्रतिनिधि मसीह ने एसडीएम को लिखा पत्र, कहा-पुलिस बल का उपयोग कर जबरदस्ती सर्वे करना अनैतिक और असंवैधानिक

दूसरी तरफ,दीपका परियोजना विस्तार हेतु अधिग्रहित ग्राम हरदी बाजार में भूमि एवं भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों का सर्वे में ग्रामवासियों को विभिन्न स्तर पर आपत्ति है एवं इस संबंध में बीते दिनों अनुविभागीय दंडाधिकारी पाली की अध्यक्षा में प्रशासन, एस ई सी एल एवं भूविस्थापितों के बीच त्रि पक्षीय वार्ता हुई थी। वार्ता में भूविस्थापितों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि जब उनकी आपत्तियों का संज्ञान प्रशासन नहीं लेता एवं उन आपत्तियों का समाधान एसईसीएल नहीं निकालता तब तक सर्वे नहीं करने दिया जाएगा ।

अब पाली एसडीएम के आदेश ने क्षेत्र में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस पत्र के बाद से क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है। कोरबा सांसद प्रतिनिधि शेत मसीह ने पाली एसडीएम को पत्र लिखकर इस तानाशाही पूर्ण आदेश को निरस्त करने की मांग की है।
उन्होंने लिखा कि एस.ई.सी.एल. के प्रभावित ग्रामवासी एवं भू-विस्थापित पूर्व से ही पर्यावरण प्रदूषण , लंबित रोजगार, मुआवजा , बसाहट आदि मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं एवं अपने हक – अधिकार की लडाई लड रहे हैं ऐसे में क्षेत्र में सर्वे के दौरान अतिरिक्त पुलिस बल की उपस्थिति पूरे भूविस्थापित आंदोलन को कमजोर करेगी एवं यह कदम ग्रामीणों के हृदय में शासन-प्रशासन के प्रति नाराजगी का जनक साबित होगा। उन्होंने एसडीएम पाली को तत्काल इस आदेश को वापस लेने का निवेदन किया है ।
सांसद प्रतिनिधि शेत मसीह ने कहा कि भाजपा की विष्णुदेव सरकार बनने के बाद से ही एस ई सी एल खदान क्षेत्र में भूविस्थापित एवं ठेका कर्मचारी अपने हक अधिकार से वंचित कर दिए गए हैं।शासन– प्रशासन द्वारा बल प्रयोग कर खदान प्रभावितों के अधिकारों का दमन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खदानों में विरोध प्रदर्शन करने वाले जन प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामले बनाकर शिकायत करना , मजदूरों एवं भूविस्थिपतों का शोषण करना , निजी कंपनियों का इस्तेमाल कर गांव-घर खाली करने तोड़ने के लिए दबाव बनाना, इस सरकार के आने के बाद से आम बात हो गई है ।