चुनाव लड़ा, पर ऑडिट नहीं कराया, आयोग को भी नहीं दी रिपोर्ट,359 और राजनीतिक दलों को हटाने की कार्रवाई शुरू ,सर्वाधिक यूपी से छत्तीसगढ़ से 9 ,देखें सूची ……

0 निर्वाचन प्रणाली की सफाई जारी , निर्वाचन आयोग ने 474 और आर.यू.पी.पी. को हटाया

रायपुर। देश में राजनीतिक दल (राष्ट्रीय/राज्य/आर.यू.पी.पी.) भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पास लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्रावधानों के तहत पंजीकृत होते हैं।


अधिनियम के प्रावधानों के तहत, एक बार राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने पर किसी भी संगठन को कुछ विशेषाधिकार और लाभ मिलते हैं, जैसे कि चुनाव चिह्न और कर छूट, आदि।
राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए दिशानिर्देशों में बताया गया है कि यदि कोई दल लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसे पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।
निर्वाचन प्रणाली को साफ करने के लिए एक व्यापक और निरंतर रणनीति के तहत, ईसीआई राष्ट्रव्यापी अभियान चला रहा है ताकि ऐसे पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आर.यू.पी.पी.) की पहचान करके उन्हें सूची से हटाया जा सके, जो 2019 से लगातार 6 वर्षों तक एक भी चुनाव लड़ने की आवश्यक शर्त को पूरा करने में विफल रहे हैं।
इस अभियान के पहले चरण में, ईसीआई ने 9 अगस्त 2025 को 334 आर.यू.पी.पी. को सूची से हटाया था।
इसी क्रम में, दूसरे चरण में, ईसीआई ने 18 सितंबर 2025 को लगातार 6 वर्षों तक ईसीआई द्वारा आयोजित चुनावों में भाग न लेने के आधार पर 474 (Annexure “A”) आर.यू.पी.पी. को सूची से हटाया।
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए, ऐसे 359 आर.यू.पी.पी. की पहचान की गई है, (Annexure “B”) जिन्होंने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (अर्थात 2021-22, 2022-23, 2023-24) में अपने वार्षिक ऑडिट किए गए खाते निर्धारित समय-सीमा के भीतर जमा नहीं किए हैं और चुनाव तो लड़े हैं, लेकिन चुनाव व्यय रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। ये दल देश के 23 विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से हैं।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी दल अनुचित रूप से सूची से न हटे, संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (सीईओ) को इन आर.यू.पी.पी. को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद इन दलों को संबंधित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) द्वारा सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।
सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर, ईसीआई किसी भी आर.यू.पी.पी. को सूची से हटाने पर अंतिम निर्णय लेता है।