रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित कोल लेवी घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 10 वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की सिफारिश की है। इस पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भ्रष्ट अफसरों को हमारी सरकार नहीं छोड़ेगी और जल्द ही कार्रवाई होगी।
यह घोटाला करीब 570 करोड़ रुपये का है। जांच में सामने आया था कि पूर्व मुख्यमंत्री की उप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया, निलंबित IAS समीर बिश्नोई, रानू साहू और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत कई बड़े नाम इसमें शामिल रहे। अब तक ED ने 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है और विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है। फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं।

ED की चिट्ठी के बाद अब मुख्य सचिव और EOW पर जिम्मेदारी है कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आगे की कार्रवाई शुरू करें। हालांकि, राज्य में EOW सीधे अफसरों पर कार्रवाई नहीं कर सकता। इसके लिए सरकार से अभियोजन स्वीकृति लेनी होती है। कई मामलों में अनुमति न मिलने के कारण कार्रवाई अटक जाती है। अब देखने वाली बात होगी कि इस बार सरकार कितनी तेजी दिखाती है।
👉क्या है पूरा मामला?
ED की जांच में खुलासा हुआ कि जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच कोयले के हर टन पर 25 रुपये की अवैध वसूली की गई। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने इसके लिए आदेश जारी किया था। इस वसूली का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी माना गया। उसके नेटवर्क के जरिए लगभग 570 करोड़ रुपये की गैरकानूनी लेवी वसूली गई।
