रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG-PSC) भर्ती के मामले में राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में अन्य उम्मीदवारों और अधिकारियों की भूमिका पर राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है।
साथ ही टिप्पणी करते हुए कहा कि पीएससी ने जिन लोगों को चुना, वे आज भी डेडलॉक की स्थिति में हैं। डिवीजन बेंच ने संबंधित सभी अपीलों को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने को कहा है।
दरअसल, CG-PSC 2021 में हुई गड़बड़ी को लेकर सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील की है। मंगलवार (14 अक्टूबर) को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में बताया गया कि परीक्षा नियंत्रक को हाल ही में गिरफ्तार किया गया है।
इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि इसके बाद भी जांच अधूरी क्यों है? हाईकोर्ट यह भी पूछा कि चयन होने के बाद भी जब 37 उम्मीदवारों को अब तक नियुक्ति आदेश क्यों जारी नहीं हुए, उन्हें अनिश्चितता में क्यों रखा गया है?
👉परीक्षा रद्द करने पर पुनर्विचार क्यों नहीं?

इसके साथ राज्य सरकार के यह बताने पर कि अंतिम समय में पेपर लीक हुआ था, हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो परीक्षा पर पुनर्विचार करना चाहिए। लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक उम्मीदवारों को क्यों लटकाया जा रहा है।
👉17 उम्मीदवारों की जांच चल रही
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की बेंच में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि 17 उम्मीदवारों की भूमिका की जांच चल रही है, जबकि अन्य आरोपियों पर अभी चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि रिपोर्ट में 41 नाम थे, अब 17 पर जांच और बाकी का क्या हुआ?
बताने को कहा गया कि अन्य उम्मीदवारों और पीएससी अधिकारियों की भूमिका की जांच कहां तक पहुंची है।
👉हाईकोर्ट को यह बताना होगा
किन-किन उम्मीदवारों के खिलाफ चार्जशीट दायर हुई है।
कितने पर जांच लंबित है।
आयोग के कौन-कौन से अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
👉घोटाले में 7 आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
इस घोटाले में अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 18 नवंबर 2024 को CBI ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था।
इसके बाद 10 जनवरी को 5 और आरोपियों को हिरासत में लिया गया। जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर चयनित), ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, CGPSC), शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर चयनित) और साहिल सोनवानी (डीएसपी चयनित) शामिल हैं। ये सभी फिलहाल जेल में बंद हैं।
👉जानिए क्या है CGPSC घोटाला
यह मामला 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि आयोग की परीक्षाओं और इंटरव्यू में पारदर्शिता को दरकिनार कर राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले परिवारों के उम्मीदवारों को उच्च पदों पर चयनित किया गया।
इस दौरान योग्य अभ्यर्थियों की अनदेखी कर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पदों पर अपने नजदीकी लोगों को पद दिलवाने का खेल हुआ। प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंपी। जांच एजेंसी ने छापेमारी में कई दस्तावेज और आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए हैं।
👉171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा
CGPSC परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया। इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे। इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई थी।