हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। धान खरीदी अभियान शुरू होने की पूर्व संध्या छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग द्वारा संपूर्ण धान खरीदी अवधि तक धान खरीदी कार्य में संलग्न समस्त कर्मचारियों पर एस्मा लागू किए जाने के बाद सहकारी समिति कर्मचारी संघ कोरबा का बड़ा बयान आया है। संघ के जिला अध्यक्ष विनोद भट्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सहकारी समिति के कर्मचारी शासन के कर्मचारी नहीं है लिहाजा वे एस्मा के दायरे में नहीं आते। वे प्रदेशव्यापी हड़ताल पर डटे रहेंगे।
इधर छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सोनवानी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कोरबा जिले के 49 ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी (आरएईओ) एवं कृषि विकास अधिकारी (एसएडीओ) कृषि उत्पादन आयुक्त के पत्र का हवाला देकर धान खरीदी कार्य में जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रबंधक /उपार्जन केंद्र प्रभारी /नोडल दायित्व से पृथक रहने के निर्णय पर डटे रहेंगे। शासन के एस्मा भावी कार्रवाई की डर से पीछे नहीं हटेंगे। इस बयान ने एस्मा लागू होने के बाद भी आकांक्षी जिला कोरबा में वैकल्पिक व्यवस्थाओं के दावों पर अभी भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर रखे हैं।


यहां बताना होगा कि
शार्टेज की मार एवं वेतन विसंगति से आहत प्रदेश के 2058 समितियों के 10 हजार से अधिक कर्मचारी छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आव्हान पर बीते माह से ही प्रदेशव्यापी चरणबद्ध हड़ताल में चले गए हैं। 12 नवंबर से बेमियादी हड़ताल में हैं। समिति कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने के कारण धान खरीदी प्रारंभ किए जाने में कठिनाई को देखते हुए शासन ने जिला प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभागीय कर्मचारियों को समिति प्रबंधक का प्रभार सौंपने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश के परिपालन में जिला प्रशासन ने 12 नवंबर को सहकारिता,खाद्य ,कृषि विभाग एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों को उपार्जन केंद्र प्रभारी नियुक्त किया है। लेकिन उपार्जन केंद्र प्रभारी के पद पर ड्यूटी लगते ही छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष संजय कुमार सोनवानी के नेतृत्व में संघ के 49 सदस्यों आरएईओ ,एसएडीओ ने शुक्रवार को प्रबंधक /उपार्जन केंद्र प्रभारी /नोडल अधिकारी के पद पर लगाए गए ड्यूटी से मुक्त करने कलेक्टर एवं उप संचालक कृषि को ज्ञापन सौंपा था।





पत्र में उल्लेख किया गया था कि संघ के द्वारा कृषि उत्पादन आयुक्त को पत्र सौंपा गया था । जिसके तारतम्य में समस्त कलेक्टर को संदर्भित पत्र के माध्यम से अधिकारी प्रबंधक के रूप में ड्यूटी नहीं लगाए जाने निर्देशित किया गया है। उसके बावजूद उक्त कार्यों हेतु समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों का ड्यूटी लगाई गई गई है जो खेद का विषय है। संघ ने कलेक्टर को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि वर्तमान में
कृषि विभाग के सभी अधिकारियों द्वारा रबी 2025-26 हेतु निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति ,रबी फसल हेतु आदान सामाग्री वितरण,प्रधानमंत्री फसल बीमा ,न्यादर्ष पद्धति से फसल कटाई प्रयोग,प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत नवीन पंजीयन ,भौतिक सत्यापन ,ई -केवायसी,आधार सिडिंग ,लैंड सिडिंग,मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण,एग्रीस्टेट पंजीयन आदि अनेक महत्वपूर्ण एवं समयबद्ध कार्य मैदानी कर्मचारियों के द्वारा संपादित किया जा रहा है। जिसे देखते हुए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी,कृषि विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी प्रबंधक के दायित्व से मुक्त रखा जाए। प्रदेश पंचायत सचिव संघ ने भी धान खरीदी के कार्य से पंचायत सचिवों को मुक्त रखने की मांग कर दी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र पैकरा ने संचालक को 14 नवंबर को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि चूंकि पंचायत सचिव 29 विभागों के कार्यों का संपादन कर रहे हैं साथ ही अन्य पायलट प्रोजेक्ट योजनाओँ में भी पंचायत सचिवों को कार्य सौंपे गए हैं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना,धरती आबा योजना ,गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) में भी ड्यूटी लगाई गई है ,इसके अतिरिक्त भी अन्य आवश्यक दस्तावेजों का पंचायत सचिवों को कार्य सौंपा गया है,जिसका संपादन अत्यावश्यक है । इसके अतिरिक्त धान खरीदी का कार्यदायित्व सौंपे जाने से समस्त कार्य प्रभावित होंगे। लिहाजा धान खरीदी केंद्रों के विभिन्न कार्यों से उन्हें मुक्त रखा जाए।
इन सबको देखते हुए कल ही गृह विभाग के उपसचिव रामप्रसाद चौहान ने सख्ती स्वरूप कुछ बर्खास्तगी की कार्रवाई के मध्य शासन ने “एस्मा एक्ट” लागू कर दिया है।आज 15 नवंबर से 31 जनवरी, 2026 अर्थात खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की संपूर्ण धान खरीदी की अवधि तक धान खरीदी कार्य में संलग्न समस्त कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 (ESMA Act 1979) लागू किये जाने हेतु विभाग द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।

जारी आदेश में कहा गया है कि लोक हित में यह आवश्यक तथा समीचीन है कि राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 की संपूर्ण धान खरीदी की अवधि तक धान खरीदी कार्य में संलग्न समस्त कर्मचारियों को अत्यावश्यक सेवा में कार्य करने से इंकार किये जाने का प्रतिषेध किया जाये।
अतएव, छत्तीसगढ़ अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम, 1979 (क. 10 सन् 1979) की धारा 4 की उप-धारा (1) एवं (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, राज्य सरकार, एतद्वारा, अनुसूची के खण्ड क-क. (दो) (क) (ख) में विनिर्दिष्ट अनुसार धान खरीदी कार्य में संलग्न कर्मचारियों द्वारा कार्य से इंकार किये जाने का प्रतिषेध करती है, जो दिनांक 15 नवंबर, 2025 से 31 जनवरी 2026 अर्थात खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 तक की कालावधि के लिये तत्काल प्रभाव से प्रवृत्त होगा।बहरहाल सोमवार को शासन की सख्ती और हड़ताली कर्मचारियों का रुख स्पष्ट हो पाएगा। शनिवार धान खरीदी नहीं होती लेकिन शुरूआती दिवस होने की वजह से सोनपुरी व पाली क्षेत्र के उपार्जन केंद्र में टोकन कटे हैं।17 नवंबर से स्थिति साफ हो जाएगी।


