कोरबा -कटघोरा। नगर के मुख्य मार्ग पर लगातार बढ़ते अतिक्रमण और इससे आम नागरिकों को हो रही परेशानियों को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अब सख़्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है. शनिवार को एसडीएम तन्मय खन्ना के निर्देश पर नगर पालिका परिषद की टीम ने शहीद वीर नारायण चौक के पास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की.
👉स्कूल के सामने वर्षों से जमी दुकानों से बाधित हो रही थी आवाजाही
कटघोरा के सबसे व्यस्ततम चौराहों में से एक वीर नारायण चौक के पास स्थित गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल के मुख्य गेट के ठीक सामने लंबे समय से कई दुकानों ने अवैध कब्ज़ा जमा रखा था. दुकानों की वजह से सड़क पर जगह बेहद कम हो गई थी, जिसके चलते छात्राओं और शिक्षिकाओं को सड़क पार करने और स्कूल आने-जाने में लगातार दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. कई बार ट्रैफिक जाम और दुर्घटना जैसे हालात भी बनते रहे. स्कूल प्रबंधन द्वारा इस समस्या को प्रशासन के संज्ञान में लाए जाने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम तन्मय खन्ना ने तुरंत कार्रवाई के आदेश जारी किए.
👉भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चला अतिक्रमण हटाओ अभियान

नगर पालिका परिषद की टीम ने सुबह से ही मौके पर पहुंचकर दुकानों, बढ़े हुए शेड, बैनर और ठेले-खोमचे को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी. कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा न आए, इसके लिए पुलिस बल भी मौके पर तैनात रहा. एसडीएम तन्मय खन्ना और नगर पालिका CMO मुद्रिका प्रसाद तिवारी स्वयं पूरे ऑपरेशन की निगरानी करते रहे. अचानक हुई इस कार्रवाई से अवैध कब्जा जमाकर बैठे लोगों में हड़कंप मचा रहा, जबकि आम नागरिकों और अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया.
👉भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर भी गिरेगी गाज
नगर पालिका CMO मुद्रिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है. आने वाले दिनों में बस स्टैंड, मार्केट क्षेत्र और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि नगर की सुंदरता, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी प्रकार के अवैध अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. नागरिकों से भी अपील है कि सार्वजनिक स्थानों पर कब्ज़ा करने से बचें.
👉स्थानीय लोगों ने जताया संतोष
कार्रवाई के बाद स्कूल प्रबंधन और आसपास के निवासियों ने प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्षों पुरानी समस्या आज दूर हुई है. कई अभिभावकों का कहना है कि इससे छात्राओं की सुरक्षा में भी बड़ा सुधार होगा.
