0 सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 पूरक पोषण आहार व्यवस्था : रेडी टू ईट ,फोर्टीफाइड आटा आपूर्ति का मामला
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के करीब डेढ़ साल बाद साय सरकार ने आखिरकार महिला स्व सहायता समूहों से चुनाव पूर्व किया अपना वादा निभाने की कवायद शुरू की। आकांक्षी जिला कोरबा समेत प्रदेश के 6 जिलों में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण आहार 2.0 पूरक पोषण आहार व्यवस्था : रेडी टू ईट ,फोर्टीफाइड आटा आपूर्ति का कार्य परियोजना स्तर पर चयनित स्व महिला सहायता समूहों को दी गई है। समूहों को दिए जाने के 6 माह बाद भी प्रशिक्षण एवं नमूना (सैम्पल ) जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने की वजह से संचालन शुरू होने का इंतजार 2 माह और आगे बढ़ गया है। वहीं दूसरी ओर संचालन शुरू होने से पहले शिकवा शिकायतों का दौर शुरू हो गया है। समूह चयन प्रक्रिया में राशि की मांग कर अपात्र समूहों का चयन करने की शिकायत न्याय नहीं मिलने की वजह से प्रधानमंत्री कार्यालय तक की गई है। मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जिला प्रशासन ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के नेतृत्व में 3 सदस्ययीय जांच टीम गठित कर दी है। जो शिकायत की जांचकर जल्द ही जिला प्रशासन को जांच प्रतिवेदन सौंपेगी। बहरहाल जांच आदेश निकलने से संबंधितों में हड़कम्प मचा है।

बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग 6 माह से 6 वर्ष के नोनिहालों ,किशोरियों,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के पोषण के लिए कार्य करती है। 1 फरवरी 2022 के पूर्व
स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत रेडी टू ईट कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा था। गेहूं ,सोया ,चना ,मूंगफली मिश्रित पौष्टिक पोषण आहार रेडी टू ईट 3 वर्ष तक के बच्चों ,गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए प्रत्येक मंगलवार को दिए जाने का प्रावधान है ताकि उन पर कुपोषण की काली छाया न पड़े ,कुपोषित हितग्राही इसके दायरे से बाहर निकल सकें। 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन में फोर्टिफाइड आटा से निर्मित रोटी प्रदाय किया जाता है। लेकिन 24 दिसंबर 2021 को छत्तीसगढ़ शासन ने द्वारा कैबिनेट में लिए गए निर्णय अनुसार 1 फरवरी 2022 फरवरी से राज्य बीज निगम की स्थापित इकाईयों के माध्यम से स्वचलित मशीनों के माध्यम से रेडी टू ईट का उत्पादन करने का निर्णय लिया था। इसके पीछे शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाईन का हवाला दिया था जिसमें मानव स्पर्श रहित गुणवत्ता युक्त आवश्यक पोषक तत्वों से भरे रेडी टू ईट बच्चों की सेहत के लिए उपयुक्त बताया था। हालांकि सरकार के इस फैसले से करीब डेढ़ दशक से रेडी टू ईट का निर्माण कर रहीं स्व सहायता समूह के हाथों से रोजगार छीन गईं । 20 हजार से अधिक महिलाएं सीधे तौर पर इससे प्रभावित हुईं ।लाखों रुपए कर्ज लेकर विषम परिस्थितियों में भी स्व सहायता समूहों की महिलाओं ने योजना का सुचारू संचालन किया था ।
तमाम विरोध प्रदर्शन के बावजूद
24 मार्च 2022 से पूर्ण रूप से छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट को कार्य सौंप दिया गया था। सत्ता परिवर्तन के बाद विधानसभा चुनाव में भी रेडी टू ईट का दायित्व चरणबद्ध रूप से स्थानीय महिला स्व सहायता के सुपुर्द करने की बात कही गई थी। लिहाजा बजट सत्र में मुख्यमंत्री ने पहले चरण में 6 जिलों में रेडी टू ईट फ़ूड का दायित्व स्थानीय पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों के हवाले करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणानुरूप आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले 20 जनवरी 2025 को सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन शम्मी आबिदी ने पूरक पोषण आहार योजनांतर्गत
रेडी टू ईट निर्माण व वितरण का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम रायपुर की स्थापित यूनिट की जगह 6 जिलों कोरबा,रायगढ़,सूरजपुर ,
बलौदाबाजार ,दंतेवाड़ा एवं बस्तर में रेडी टू ईट के निर्माण हेतु फर्म एंड सोसायटी के तहत पंजीकृत सक्षम महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने आदेश जारी किया था।
वित्तीय वर्ष के समाप्ति के अंतिम सप्ताह में 24 मार्च को मंत्रालय महिला एवं बाल विकास विभाग महानदी भवन रायपुर द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 के तहत पूरक पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा का परियोजना स्तर पर स्थापित यूनिट के माध्यम से निर्माण एवं आपूर्ति हेतु महिला स्व सहायता समूहों के चयन एवं कार्य से पृथक करने की प्रक्रिया का निर्धारण करने सर्कुलर जारी किया था। इस आदेश के प्रभावशील होने से रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा व निर्माण एवं आपूर्ति संबंधी पूर्व में जारी समस्त निर्देश /आदेश अपास्त हो जाएंगे। राज्य से जारी सर्कुलर संलग्न कर महिला स्व सहायता समूहों के चयन एवं कार्य से पृथक करने की प्रक्रिया का निर्धारण करने जिलों से आवेदन मंगाए जाने की प्रकिया अप्रैल माह में ही शुरू कर दी गई थी। जिसके तहत कोरबा जिले में कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा द्वारा समस्त 10 बाल विकास परियोजनाओं में आगंनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाइड आटा का निर्माण एवं आपूर्ति करने के लिए फर्म एवं सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत सक्षम महिला स्व -सहायता समूहों से प्रस्ताव 7 से 21 अप्रैल तक डाक एवं कोरियर के माध्यम से आमंत्रित किए गए थे। जिसके तहत 10 परियोजनाओं के लिए प्राप्त 28 से अधिक महिला स्व सहायता समूहों के आवेदन पात्र पाए थे। 7 सदस्यीय चयन समिति ने परीक्षण उपरांत चयन शर्तों के आधार पर स्व सहायता समूहों को अंक आबंटित कर 6 माह पूर्व चयन आदेश जारी कर दिया था । प्रत्येक परियोजना के लिए एक स्व सहायता समूहों का चयन किया गया है।
इधर समूह चयन के 6 माह बाद भी संचालन यूनिट स्थापना स्वचलित मशीनों की खरीदी ,प्रशिक्षण ,रेडी टू ईट का नमूना (सैम्पल )रिपोर्ट की प्राप्ति नहीं हो पाने की वजह से शुरू तक नहीं हो पाई है। समूहों का संचालन नए साल 2026 में ही शुरू हो पाने के आसार हैं। इस बीच हरदीबाजार परियोजना से चयनित समूह के संदर्भ में शिकायत का मामला प्रकाश में आया है।
👉समूह चयन में लेनदेन की शिकायत,3 सदस्ययीय जांच समिति गठित

शिकायतकर्ता आवेदिका संजीता पाण्डेय शिक्षक नगर हरदीबाजार ने समूह चयन में राशि की मांग कर चयन में अनियमितता बरतने की शिकायत की है। मामले में जिला स्तर पर न्याय नहीं मिलने पर प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत किए जाने की जानकारी मिल रही। जिसके बाद हरकत में आए जिला प्रशासन ने प्रकरण में 3 सदस्ययीय जांच समिति गठित कर दी है। जिला पंचायत सीईओ द्वारा गठित जांच समिति में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ,समाज कल्याण विभाग के उप संचालक हरीश सक्सेना ,जिला पंचायत कोरबा के सहायक परियोजना अधिकारी हरीश सक्सेना,जिला पंचायत कोरबा के सहायक परियोजना अधिकारी श्रीमती इंदिरा भगत शामिल हैं।
👉 1 माह के भीतर जांच प्रतिवेदन देने का आदेश ,बीता पखवाड़ा ,जांच दल को करनी होगी मशक्कत ….
शिकायत प्रकरण में जांच आदेश 17 नवंबर को जारी हुआ था। जिसमें 1 माह के भीतर जांच प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश है।जिसमें से एक पखवाड़ा (15 दिन) निकल गया,अब बचे एक पखवाड़े के भीतर जांच दल को प्रकरण की जांच कर प्रतिवेदन सौंपना होगा।
👉समूह चयन पर उठते रहे हैं सवाल
जिले में सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट एवं फोर्टिफाईड आटा आपूर्ति हेतु परियोजना स्तर पर महिला स्व सहायता समूहों का चयन किया गया है। समूहों का चयन उनके द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग एवं जिला स्तरीय चयन समिति ने की है। चयन की इस प्रक्रिया पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं, आवंटन नहीं मिलने से नाराज सक्षम समूहों ने लिखित शिकायत के साथ न्यायालय तक की शरण लिए हैं।
👉परियोजनावार चयनित समूह एक नजर में

परियोजना – चयनित समूह
कोरबा शहरी -मां तुलसी स्व सहायता समूह ढोढ़ीपारा
कोरबा ग्रामीण -सफुरा माता स्व सहायता समूह सलिहाभांठा
बरपाली – जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह नोनबिर्रा
करतला -जय माँ दुर्गा स्व सहायता समूह नोनबिर्रा
कटघोरा -जय दुर्गा स्व सहायता समूह मुढाली
हरदीबाजार – जय माँ दुर्गा महिला स्व सहायता समूह बोईदा
पाली -प्रगति स्व सहायता समूह रजकम्मा
पोंडी उपरोड़ा – पार्वती स्व सहायता सिंधिया
चोटिया -आदर्श महिला स्व सहायता समूह खिरटी
पसान -मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह बैरा
