कोरबा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में वित्तीय अनियमितता एवं लापरवाही से जुड़े मामले को कलेक्टर अजीत वसंत ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। उक्त मामला कलेक्टर के संज्ञान में आते ही उन्होंने पारदर्शिता पूर्ण जांच करने के निर्देश दिए।ग्राम फरसवानी के आवास मित्र के खिलाफ हितग्राहियों से जियो -टैग, किश्त जारी करने के एवज में अवैध वसूली के शिकायत की पुष्टि के बाद जिला पंचायत सीईओ ने कलेक्टर के आदेश पर आवास मित्र को पद से पृथक कर दिया गया है। मामले में एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं। प्रशासन की इस कार्रवाई से हड़कम्प मचा है। साथ ही जिला प्रशासन ने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करने एक कड़ा संदेश दिया है।
2 दिसंबर को एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर “पीएम आवास में जमकर लूट, आवास मित्र हितग्राहियों से वसूल रहे पैसे, अधिकारी मौन” खबर के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, कोरबा दिनेश कुमार नाग ने तत्काल जांच के निर्देश देते हुए जिला स्तरीय जांच समिति गठित की।
जांच समिति में शांति लाल देवांगन आवास समन्वयक एवं अनुराग चौरसिया सहायक अभियंता,पीएम आवास योजना ग्रामीण, जिला पंचायत को शामिल किया गया। समिति ने मौके पर जाकर शिकायतकर्ता, पीएम आवास के हितग्राहियों तथा संबंधित आवास मित्र के बयान दर्ज कर विस्तृत जांच की तथा सोमवार को अपनी रिपोर्ट सीईओ जिला पंचायत को प्रस्तुत की।
जांच प्रतिवेदन में यह निष्कर्ष सामने आया कि जनपद पंचायत करतला के ग्राम फरसवानी के आवास मित्र योगेश सोनी द्वारा गंभीर अनियमितताएं की गईं। रिपोर्ट के अनुसार अपूर्ण आवासों को पूर्ण दर्शाते हुए पूर्णता स्तर का जियो-टैग किया गया तथा अगली किश्त की राशि जारी कराई गई। इसके एवज में हितग्राहियों से जियो-टैग एवं किश्त जारी कराने के नाम पर राशि वसूल की गई।

जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर के निर्देश पर सीईओ जिला पंचायत ने कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित आवास मित्र को पद से पृथक करने एवं अपराधिक प्रकरण दर्ज कर एफआईआर कराने तथा इसकी सूचना जिला पंचायत कार्यालय को भेजने के निर्देश सीईओ जनपद पंचायत करतला को दिए हैं।
इस संबंध में प्रकाशित समाचारों में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रति आवास ₹1.20 लाख की स्वीकृत राशि के बावजूद जियो-टैग और किश्त जारी कराने के नाम पर हितग्राहियों से ₹3,000 से ₹10,000 तक की अवैध मांग की जा रही थी। कुछ मामलों में हितग्राहियों को राशि न देने पर जियो-टैग न करने की धमकी भी दी गई। शिकायतों में “खर्चा-पानी” के नाम पर उच्च अधिकारियों के नाम पर उगाही करने की बात भी प्रकाशित की गई थी।
सीईओ जिला पंचायत दिनेश कुमार नाग ने स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार, अनियमितता या हितग्राहियों के शोषण को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही सभी आवास हितग्राहियों से अपील की गई है कि किसी भी प्रकार की मांग या अनियमितता की शिकायत सीधे जिला पंचायत कार्यालय या संबंधित जनपद पंचायत को लिखित रूप में करें, जिससे त्वरित कार्रवाई की जा सके।
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, जवाबदेही और हितग्राहियों के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
