कोरबा। दुष्कर्म केस में आरोपी को बचाने, पीड़िता से 20 हजार रुपये लेने और गाली-गलौज करने के संगीन आरोपों ने कोरबा पुलिस प्रशासन को हिला दिया है। मामला महिला आयोग में पहुंचते ही पूरा सिस्टम हरकत में आया और एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने सिविल लाइंस रामपुर थाने की उप-निरीक्षक अनिता खेस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश 5 दिसंबर 2025 को जारी हुआ।
👉पीड़िता का बड़ा खुलासा

पीड़िता ने शिकायत में कहा कि जांच अधिकारी ने सबूतों को कोर्ट में जमा नहीं किया। वॉट्सऐप-फेसबुक चैट, पेनड्राइव, कपड़े और SMS—सभी को दबा दिया गया। आरोपी प्रवीण डहरिया की तलाश के नाम पर 20 हजार रुपये लिए गए और जब पीड़िता ने सवाल पूछा, तो गाली-गलौज कर थाने से भगा दिया गया।
👉मिलीभगत के आरोप ने बढ़ाई आग
पीड़िता का कहना था कि IO और आरोपी के बीच सीधी सांठगांठ है। पुलिस अधीक्षक को पहले शिकायत दी गई थी, लेकिन कार्रवाई न होने के बाद उसने महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामला जैसे ही सार्वजनिक हुआ, पूरा पुलिस प्रशासन दबाव में आ गया।
👉एसपी ने किया तुरंत सस्पेंड
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने जांच अधिकारी अनिता खेस को निलंबित कर पुलिस लाइन कोरबा अटैच कर दिया। कार्रवाई को लेकर पुलिस विभाग में भी चर्चा गर्म है।
यह कदम न सिर्फ पीड़िता के लिए राहत लेकर आया है बल्कि यह भी संदेश दे गया है कि दुष्कर्म जैसे संवेदनशील मामलों में लापरवाही और कदाचार अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

