KORBA : सियासत का केंद्र बिंदु बना BALCO का G-9 प्रोजेक्ट ! पूर्व राजस्व मंत्री की शिकायत के बाद DFO ने रुकवाया निर्माण, उद्योग मंत्री बोले—‘ जारी है काम ’वन विभाग ने भी लिया यू टर्न , दी क्लीनचिट ,DFO ने कही यह बात ….

कोरबा। वेदांता कंपनी के बालको क्षेत्र में निर्माणाधीन G-9 मल्टीस्टोरी आवासीय प्रोजेक्ट पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई शिकायत के बाद जिला वन अधिकारी (डीएफओ) कोरबा प्रेमलता यादव ने परियोजना स्थल पर निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन शनिवार को जिला खनिज संस्थान न्यास के शासी परिषद की बैठक के बाद उद्योग मंत्री ने मीडिया से चर्चा के दौरान तमाम वैद्यानिक अनुमति उपरांत जारी निर्माणाधीन G – 9 प्रोजेक्ट का काम निर्बाध रूप से जारी रहने की बात कही । कैबिनेट मंत्री के इस बयान के बाद एक्शन मोड़ में आए वन विभाग के भी सुर बदल गए। हसदेव एक्सप्रेस से चर्चा के दौरान DFO ने मंत्री श्री देवांगन के बयान पर सहमति जताते हुए G – 9 प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाए जाने
जैसी बातों को ही खारिज कर दिया है। उन्होंने पूरा मसला पेंड कटाई ,व पेड़ों की शिफ्टिंग में मनमानी से जुड़ा बताते हुए बालको की सहमति उपरांत वन विभाग के सुपरविजन में उपरोक्त कार्य किए जाने की बात कही है। DFO के क्लीनचिट के बाद शिकायतकर्ता पूर्व राजस्व मंत्री की प्रतिक्रिया पर पूरी निगाहें टिकी हैं।

👉पूर्व मंत्री ने लगाया था गंभीर आरोप – सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि जिस भूमि पर G-9 प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, वह शासकीय मद की जमीन है। उन्होंने वहां लगे कीमती वृक्षों की अवैध कटाई का भी मुद्दा उठाते हुए 6 बिंदुओं में विस्तृत जांच और कार्रवाई की मांग की थी।

👉भूमि पूजन के बाद विवाद ने पकड़ा तूल

इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन कुछ दिन पहले ही राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री लखनलाल देवांगन और नगर निगम महापौर संजू देवी राजपूत ने किया था। भूमि पूजन के कुछ दिनों बाद ही पूर्व मंत्री की शिकायत और फिर वन विभाग द्वारा निर्माण रोकने के आदेश ने राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है।

👉वन विभाग की कार्रवाई के बाद विवाद गहराया

डीएफओ प्रेमलता यादव द्वारा बालको प्रबंधन को भेजे गए पत्र में निर्माण गतिविधियों को तुरंत रोकने का निर्देश दिया गया है। पत्र जारी होते ही प्रोजेक्ट का कार्य रुकवा दिया गया।

👉उद्योग मंत्री का पलटवार – ‘वन विभाग की अनुमति के बाद ही शुरू हुआ काम’

उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने मीडिया से चर्चा करते हुए स्पष्ट कहा कि—
“बालको का कोई भी निर्माण कार्य रोका नहीं गया है। भूमि पूजन मैंने इसलिए किया क्योंकि निर्माण कार्य वन विभाग की अनुमति के बाद ही शुरू किया गया था। अगर डीएफओ ने पेड़ों की शिफ्टिंग ,पेंड कटाई के मुद्दे पर निर्माण रोकने का आदेश दिया है, तो इसका जवाब वही देंगी।”

👉बोलीं DFO निर्माण कार्य हैजारी ,पेड़ों की शिफ्टिंग में मनमानी से जुड़ा था मामला ,कमेटी की जांच में वन विभाग ने वन विभाग के सुपरविजन में शिफ्टिंग की दी सहमति

मंत्री की प्रतिक्रिया के बाद जब हसदेव एक्सप्रेस ने DFO का पक्ष जानना चाहा तो एक्शन मोड़ में आईं DFO के भी सुर बदल गए हैं। एक तरह से यू टर्न लेते हुए DFO प्रेमलता यादव ने उद्योग मंत्री श्री देवांगन के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि निर्माण कार्य जारी है,उस पर कोई प्रतिबंध नहीं ।पेंडों की कटाई ,एवं पेड़ों की शिफ्टिंग बालको वन विभाग के सुपरविजन के बगैर मनमाने ढंग से कर रहा था। जिस पर हमने जांच कमेटी बनाकर जांच कराई है। बालको ने वन विभाग के अधिकारियों की मौजदूगी में यह कार्य कराने की सहमति दे दी है।लिहाजा अब किसी भी तरह की आपत्ति नहीं। बालको का संबंधित प्रोजेक्ट की जमीन हमारी नहीं राजस्व विभाग की है,वन विभाग ने एनओसी भी दी थी। लेकिन वन विभाग की निगरानी में ही पेड़ों की शिफ्टिंग नियमानुसार होगी। हालांकि किस भूमि पर कहाँ कब पेंड शिफ्टिंग किए जाएंगे इस सवाल पर DFO अनुत्तरित रहीं।

👉बढ़ेगी सियासी सरगर्मी

मंत्री की प्रतिक्रिया,और उसके बाद उस पर DFO की सहमति से मामले में और सरगर्मी बढ़ सकती है। जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। उद्योग मंत्री व DFO के बयान के बाद बालको प्रबंधन के अधिकारियों ने जहाँ राहत की सांस ली है। वहीं अब पूरी निगाह राजस्व मंत्री की प्रतिक्रिया पर टिकी है।