CG : लव- ट्रैप केस ,करोड़ों की ठगी के दावे पर DSP वर्मा का पलटवार ,कहा -झूठा केस, पुराना बिजनेस विवाद बनी वजह …

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चर्चित कथित हनी-ट्रैप विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। इस मामले में घसीटी गई महिला डीएसपी कल्पना वर्मा ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पूरे आरोपों को मनगढ़ंत और बेबुनियाद बताया है। उन्होंने सीधे व्यवसायी दीपक टंडन और उनकी पत्नी बरखा टंडन पर साजिश का आरोप लगाया है।

👉व्यावसायिक विवाद को बताया विवाद की जड़

डीएसपी कल्पना वर्मा ने स्पष्ट कहा कि यह पूरा मामला उनके पिता और व्यवसायी दीपक टंडन के बीच चल रहे पुराने व्यावसायिक विवाद से जुड़ा है। उन्होंने बताया, दीपक टंडन की पत्नी बरखा टंडन ने बकाया रकम निपटाने के लिए अपने नाम का चेक दिया था। वह चेक बैंक में बाउंस हो गया। यह मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है। वर्मा का आरोप है कि न्यायिक कार्रवाई से बचने के लिए टंडन दंपत्ति उन्हें जानबूझकर विवाद में घसीट रहे हैं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
दीपक टंडन पर 50 लाख की ठगी का पुराना मामला भी आया सामने
जांच में एक और बड़ा खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, दीपक टंडन पर वर्ष 2018 में करीब ₹50 लाख की ठगी का आरोप पहले से है। आरोप यह था कि, टंडन ने आबकारी विभाग से जुड़े काम, कार्टून उठवाने का ठेका दिलाने के नाम पर भारी रकम ली। न काम दिलाया, न रकम लौटाई। इस मामले की भी शिकायत पहले से दर्ज है।

👉महादेव ऐप कनेक्शन के आरोपों ने बदली तस्वीर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, व्यवसायी दीपक टंडन का नाता महादेव सट्टा ऐप विवाद से भी जुड़ता दिखाई दे रहा है। इन नई जानकारियों के बाद मामला पूरी तरह नया मोड़ ले चुका है और हनी-ट्रैप के आरोप कमजोर पड़ते दिख रहे हैं, जबकि दीपक टंडन पर संदेह गहराता जा रहा है।

👉DSP कल्पना वर्मा करेंगी मानहानि का केस

डीएसपी वर्मा का आरोप है कि, सोशल मीडिया (फेसबुक, इंस्टाग्राम) से उनकी तस्वीरें बिना अनुमति ली गईं। उनके नाम से फर्जी चैट तैयार कर प्रसारित की गई। उन्होंने इसे गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि वह इस पूरे मामले में न्यायालय की शरण लेंगी और मानहानि का केस दायर करेंगी। साथ ही उन्होंने मांग की है कि टंडन दंपत्ति के सभी वित्तीय लेनदेन की विस्तृत जांच होनी चाहिए।

👉फर्जी चैट व फोटो दुरुपयोग पर सख्त कानून

किसी की फ़ोटो, पहचान या प्रोफ़ाइल का गलत इस्तेमाल करना भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध है। IT एक्ट की धाराएं 66C (पहचान की चोरी), 66D (धोखाधड़ी करके नकल करना), और 67 (आपत्तिजनक सामग्री भेजना) लागू हो सकती हैं। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 419, 420 – धोखाधड़ी और ठगी, 465, 468, 469 – दस्तावेजों/इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की जालसाजी, 500 – मानहानि के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

👉मामले में अभी कई खुलासे बाकी

हनी-ट्रैप विवाद से शुरू हुआ मामला अब ठगी, चेक बाउंस और महादेव ऐप कनेक्शन तक जा पहुंचा है। जांच तेज है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना है।