CG : स्कूली शिक्षकों के बाद अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर करेंगे आवारा कुत्तों की निगरानी ,उच्च शिक्षा विभाग के फरमान से लोग हो रहे हैरान !

रायपुर । छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षकों के बाद अब कालेज के प्रोफेसर को भी आवारा कुत्तों की निगरानी रखनी होगी। उच्च शिक्षा विभाग ने ये आदेश सभी शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों के साथ ही राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए विस्तृत के लिए जारी किया है। आदेश में बकायदा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कालेज कैंपस को आवारा पशुओं से सुरक्षित रखने के साथ ही नोडल अफसर की जवाबदारियां तय की गयी है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी और उसकी निरंतर जानकारी अपडेट करने का आदेश जारी हुआ था। इस आदेश का शिक्षक संघो ने विरोध भी किया था। शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग ने कालेज और विश्वविद्यालयों के लिए भी ऐसा ही आदेश जारी किया है। उच्च शिक्षा विभाग से जारी आदेश के मुताबिब अब कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों में आवारा कुत्तों के नियंत्रण, निगरानी और उनसे होने वाली संभावित घटनाओं की रोकथाम की जिम्मेदारी सीधे तौर पर संबंधित संस्थानों की होगी। इसके लिए प्रोफेसरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा।

👉नोडल अधिकारी की ये होगी जिम्मेदारी

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि हर कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य होगी। नोडल अधिकारी प्राध्यापक या सहायक प्राध्यापक को बनाया जाएगा। यह नोडल अधिकारी स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या परिषद से लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखेंगे। परिसर में अगर आवारा कुत्ते या अन्य पशु दिखाई देते हैं, तो उन्हें हटाने के लिए तुरंत संबंधित विभाग से संपर्क करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश स्तर पर डॉ. टी. जलजा नायर को नोडल नियुक्त किया है। प्रदेश के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी इन्हें ही रिपोर्ट करेंगे।