KORBA :हाथियों के हमले से थर्राया कोरबा ,घर में घुसकर सो रहे ग्रामीण की ले ली जान ,2 दिन में 3 मौतों से मची दहशत,वन विभाग की नाकामी से सस्ती हुई जिंदगी ! उठे सवाल , क्या जनांदोलन का इंतजार ….

कोरबा । आकांक्षी जिला कोरबा में वन अमले की विफलता लाचारी की वजह से लगातार दूसरे दिन हाथी के हमले से तीसरी मौत हो गई । कटघोरा वन मंडल में हाथी के हमले से 2 महिलाओं की मौत से मची दहशत एवं उठे सवालों का जवाब मिल पाया नहीं है कि इस बीच कोरबा वनमंडल के बालको वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत अजगरबहार के ग्राम गौरबोरा में देर रात घर में घुसकर सो रहे ग्रामीण की जान ले ली । वन विभाग की निष्क्रियता की वजह से लगातार हो रही मौतों से लोगों में दहशत एवं आक्रोश व्याप्त है। जो जल्द ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर जनांदोलन में परिवर्तित हो जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।

मृतक की पहचान महेंदा सिंह मंझवार 45 वर्ष के रूप में हुई है, जो ग्राम गौर बोरा, ग्राम पंचायत अजगर बहार, वन परिक्षेत्र बालको का निवासी था।प्राप्त जानकारी के अनुसार महेंदा सिंह अपने घर में सो रहा था, तभी जंगल से भटककर आए एक हाथी ने अचानक घर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान हाथी ने सो रहे महेंदा सिंह को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल बन गया।
ग्रामीणों ने तत्काल घटना की सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही विभागीय अमला मौके पर पहुंचा और आवश्यक कार्रवाई शुरू की। वन विभाग द्वारा क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने के साथ ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले कटघोरा वनमंडल में भी बीते दो दिनों के भीतर हाथी के हमले में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही इन घटनाओं से साफ है कि जिले में मानव–हाथी संघर्ष गंभीर रूप ले चुका है। ग्रामीणों में भय का माहौल है और वन विभाग के सामने हाथियों की आवाजाही रोकने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।

👉उठे सवाल ,वन विभाग निरुत्तर !

गौरतलब है कि कोरबा जिले में बीते कुछ दिनों से हाथियों की आवाजाही लगातार बनी हुई है। महज 2 दिनों के भीतर हाथियों के हमले में 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश और भय व्याप्त है। इसके बावजूद वन मंडल कोरबा एवं कटघोरा क्षेत्र में वन विभाग की सक्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि समय रहते हाथियों की निगरानी, अलर्ट सिस्टम और ग्रामीणों को सतर्क करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।
ग्रामीणों ने वन विभाग से प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल गश्त बढ़ाने, हाथियों की निगरानी के लिए टीम तैनात करने, मुनादी व अलर्ट व्यवस्था मजबूत करने तथा पीड़ित परिवार को शीघ्र मुआवजा देने की मांग की है। वहीं, लगातार हो रही घटनाओं ने जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।