रेलवे सख्त : ट्रेनों में श्रेणीवार सामानों का वजन, आकार सीमा तय , अधिक वजन पर लगेगा जुर्माना,रेल मंत्री ने संसद में दी यह जानकारी ….

दिल्ली। ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे ने सामान ले जाने के नियमों को और सख्त कर दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जानकारी दी कि अब तय सीमा से अधिक वजन का सामान ले जाने पर यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा। यह जानकारी उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के सांसद वेमिरेड्डी प्रभाकर रेड्डी के एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी। रेल मंत्री ने स्पष्ट किया कि यात्रियों की यात्रा श्रेणी के अनुसार निशुल्क और अधिकतम सामान सीमा पहले से तय है, जिसका पालन करना सभी यात्रियों के लिए अनिवार्य होगा।

हर श्रेणी के लिए तय है सामान की सीमा

👉द्वितीय श्रेणी (Second Class): 35 किलोग्राम तक सामान निशुल्क, शुल्क देकर अधिकतम 70 किलोग्राम

👉स्लीपर क्लास: 40 किलोग्राम तक निशुल्क, अधिकतम 80 किलोग्राम

👉एसी थ्री टियर और चेयर कार: 40 किलोग्राम तक सामान ले जाने की अनुमति

👉एसी टू टियर और प्रथम श्रेणी: 50 किलोग्राम तक निशुल्क, शुल्क देकर अधिकतम 100 किलोग्राम

👉एसी फर्स्ट क्लास: 70 किलोग्राम तक निशुल्क, शुल्क देकर अधिकतम 150 किलोग्राम तक सामान ले जाया जा सकता है।

👉ट्रंक और सूटकेस के आकार को लेकर भी नियम

रेलवे ने सामान के आकार को लेकर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यात्रियों को 100 सेमी लंबाई, 60 सेमी चौड़ाई और 25 सेमी ऊंचाई तक के ट्रंक, सूटकेस या बॉक्स को ही कोच में ले जाने की अनुमति होगी। इससे बड़े आकार का सामान यात्री डिब्बों में ले जाना प्रतिबंधित है।

👉बड़ा सामान ब्रेकवैन या पार्सल वैन में होगा बुक

यदि किसी यात्री का सामान तय वजन या माप से अधिक है, तो उसे ब्रेकवैन (SLR) या पार्सल वैन में बुक कराना अनिवार्य होगा। रेलवे ने यह भी साफ किया है कि व्यापारिक सामान को निजी सामान बताकर कोच में ले जाना प्रतिबंधित है।

👉यात्रियों के लिए क्यों जरूरी हैं ये नियम

रेलवे के अनुसार इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित (Train Travel Rules) करना है। अधिक सामान होने से कोच में अव्यवस्था और यात्रियों को असुविधा होती है। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी गई है कि यात्रा से पहले अपने सामान के वजन और आकार की जांच कर लें, ताकि जुर्माने और परेशानी से बचा जा सके।